राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम ने प्रताप नगर, जयपुर में आयोजित अमृता देवी प्रकृति संवर्धन अभियान के अंतर्गत सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम में मातृशक्ति को संबोधित करते हुए कहा कि वृक्षारोपण केवल फोटो के लिए नहीं होना चाहिए। आज के समय में लगाए गए वृक्ष जीवित रहें, इसके लिए हमें संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने मातृशक्ति को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे अपने घरों के सामने अपने नाम से कम से कम एक वृक्ष लगाएं और उसकी देखभाल करें, साथ ही हर साल उसका जन्मदिन मनाएं।
पर्यावरण संरक्षण में मातृशक्ति की भूमिका
क्षेत्र प्रचारक निंबाराम ने पर्यावरण के प्रति अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले 20 वर्षों में वनों की कटाई के कारण पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। वृक्षारोपण के माध्यम से इस समस्या का समाधान करने के लिए सभी को सक्रिय भूमिका निभानी होगी, विशेषकर मातृशक्ति को। अमृता देवी और 363 मातृशक्तियों के बलिदान को याद करते हुए उन्होंने कहा कि ये महिलाएं पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक हैं, और आज की मातृशक्ति को भी उनके पदचिन्हों पर चलना चाहिए।
अमृता देवी: पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा
कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र प्रचारक निंबाराम ने वृक्षों और पर्यावरण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए तुलसी और पीपल जैसे पौधों के वैज्ञानिक महत्व को भी समझाया। उन्होंने कहा कि अमृता देवी पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरणास्रोत हैं, और सभी मातृशक्ति को उनके योगदान से प्रेरित होकर इस दिशा में कार्य करना चाहिए।
जैसा देंगे वैसा ही मिलेगा
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि विवेकानंद आश्रम के स्वामी एस.पी. आचार्य ने ‘WATCH‘ शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि हमें अपने शब्द, क्रिया, विचार, चरित्र, और स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, “जो आप चाहते हैं, उसे देना शुरू करिए। आप दुख देंगे तो दुख मिलेगा, और सुख देंगे तो सुख मिलेगा।” इस अवसर पर स्वामीजी ने भी पर्यावरण से संबंधित अपने विचार साझा किए।
1000 वृक्षों का रोपण: संकल्प और समर्पण
कार्यक्रम के अंत में क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम ने वृक्षारोपण कर इस महत्वपूर्ण कार्य की शुरुआत की। इसके बाद उपस्थित सैकड़ों महिलाओं ने एक ही दिन में 1000 वृक्षों का रोपण किया और उनके पालन-पोषण का संकल्प लिया।