जयपुर। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह की ओर से सीएम गहलोत को रावण बताए जाने पर सीएम गहलोत ने उन पर पलटवार करते हुए जवाब दिया है। गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा कि शेखावत मुझे रावण कहें या कुछ भी कहे, मुझे उनकी बात पर कोई ऐतराज नहीं है। मैं उनकी बात का स्वागत करता हूं। मैं तो इतना ही कहना चाहता हूं कि आप राम बन जाओ लेकिन ढाई लोग जिनके पैसे डूबे हुए हैं उन्हें लौटा दो।
सीएम गहलोत ने संजीवनी घोटालों का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे तकलीफ हो रही है दो- ढाई लाख लोग जो बर्बाद हो गए, किसी का 25 लाख डूबा तो किसी का 50 लाख, 5 लाख वाले तो कितने होंगे, उनके पैसों का क्या होगा इसका हिसाब वो दें। शेखावत को जमानत करवानी पड़ी हाइकोर्ट से, क्यों करवानी पड़ी क्योंकि वो मुलजिम थे, नाटक किया गया कि मैं मुलजिम हूं ही नहीं, क्यों सीबीआई जांच की मांग कर रहे है शेखावत, यह मामला पीड़ितों को राहत देने का है। वह राम कहें या रावण कहें, इसमें मुझे नहीं है कोई दिक्कत, मैं शेखावत को राम कह दूंगा, पहले राम की तरह व्यवहार तो करो, वो मुझे रावण कहे मुझे कोई दिक्कत नहीं है, हम उन्हें राम की तरह मानेंगे, ईमानदारी दिखाकर पहले गरीबों का पैसा वापस लौटाओ।
केंद्रीय मंत्री शेखावत जो ऐसे झूठे आदमी है उन्हें मीडिया को भी बायकाट करना चाहिए, जो झूठ बोल रहा है कि मैं मुलजिम नहीं हूं, जिसने लोगों का पैसा डूबा दिया, ऐसे आदमी को मीडिया क्यों प्रोत्साहन दे रहा है। पीएम मोदी को मंत्री शेखावत को बर्खास्त करना चाहिए, वरना पीएम मोदी पर आएगा आरोप की ऐसे भ्रष्ट आदमी को पीएम मोदी अपनी सरकार में मंत्री बनाए हुए है। शेखावत को झूठे बयान देना बंद करना चाहिए। नैतिकता के आधार पर शेखावत को देना चाहिए इस्तीफा, पाक साफ होकर जनता के बीच जाना चाहिए, जनता का पैसा वापस दिलाना चाहिए। संजीवनी कांड में मुख्य किरदार है केंद्रीय मंत्री शेखावत, हमारी सरकार को गिराने में बहुत बड़ी भूमिका शेखावत की थी, जो मानेसर गए थे उसमें इनकी बड़ी भूमिका थी, इन्होंने हमारे विधायकों को सब तरह का लोभ लालच दिया, गृह मंत्री अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान इनके साथ था, इतना बड़ा कांड करके इन्हें नहीं आती है शर्म, चुनी हुई सरकार को गिराने का कूकर्म किया है।