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CM गहलोत को सताया स्कूल खाली होने का डर…ग्रेड थर्ड टीचर्स के ट्रांसफर को लेकर कहा- यह बड़ी समस्या, जनहित में हो फैसला

Ashok Gehlot ने शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम के दौरान कहा कि राजस्थान सरकार टीचर्स के ट्रांसफर के लिए नई पॉलिसी तैयार कर रही है.

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चौक टीम, जयपुर। राजस्थान में लंबे समय से थर्ड ग्रेड टीचर ट्रांसफर का इंतजार करते आ रहे है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने जयपुर के बिडला ऑडिटोरियम में आज यानि 5 सितबंर को शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम के दौरान कहा कि राजस्थान सरकार टीचर्स के ट्रांसफर के लिए नई पॉलिसी तैयार कर रही है. ऐसा लगता है कि थर्ड ग्रेड टीचर्स को थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है.

सीएम गहलोत (Ashok Gehlot) ने कार्यक्रम में कहा कि यह एक बहुत बड़ी समस्या है. उसके बाद ही थर्ड ग्रेड टीचर्स के ट्रांसफर किए जाएंगे. हालांकि चुनाव से पहले बीमारी से ग्रसित कुछ लोगों को ट्रांसफर की राहत जरूर दी जाएगी.

थर्ड ग्रेड टीचर्स की मांग पर सरकार कर रही विचार

सीएम (Ashok Gehlot) ने कहा कि शिक्षा विभाग में लगभग ढाई लाख तो सिर्फ थर्ड ग्रेड टीचर है. उनकी अलग-अलग तरह की समस्याएं हैं. हमें वापस बुलाओ, अपने जिले में लेकर आओ. जबकि जब भर्ती होती है. तब वह जिले की भर्ती होती है. तब वह चॉइस करता है, मैं बाड़मेर या जैसलमेर जाऊंगा. उसके बाद भी वह अपने गृह जिले में जाने की मांग करता है, कोई कहता है, मैं तो सीकर जाऊंगा, किसी को झुंझुनू तो किसी को अलवर जाना है. यह बहुत बड़ी समस्या है. इसलिए हम शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए नई पॉलिसी तैयार कर रहे हैं.

थर्ड ग्रेड टीचर्स का मुद्दा काफी बड़ा- सीएम गहलोत

उन्होंने कहा कि थर्ड ग्रेड टीचर्स का मुद्दा काफी बड़ा है. इसलिए मैं आप सभी का सहयोग चाहूंगा. यह बहुत बड़ी समस्या है. मान लीजिए अगर सरकार चुनाव से पहले 20 या 30 हजार के ट्रांसफर भी कर देती है. उससे आप लोग खुश हो जाएंगे. तो वह गलत बात है. क्योंकि बिना पॉलिसी ट्रांसफर नहीं होने चाहिए. हर टीचर को यह पता होना चाहिए. उसका ट्रांसफर इस पॉलिसी के तहत इतने वक्त में हो सकेगा.

इन शिक्षकों को मिलेगी राहत

सीएम गहलोत (Ashok Gehlot) ने आगे कहा कि गुजरात और महाराष्ट्र में ट्रांसफर पॉलिसी बनी हुई है. मैंने कल्ला जी से भी कहा है. आप इस पॉलिसी की अच्छे से स्टडी कीजिए. इसके बाद भी किसी टीचर कि कैंसर पेशेंट, किडनी पेशेंट, विकलांग इस तरह समस्याएं हैं. उसे आप अपने स्तर पर देख लीजिए, उन्हें अभी कर दीजिए, बाकी पॉलिसी बन जाए. उसके बाद ही ट्रांसफर किए जाने चाहिए. क्योंकि अगर स्कूल खाली हो जाएंगे तो सिर्फ सरकार की नहीं बल्कि, टीचर्स की भी बदनामी होगी.

टीचर्स पर काफी बर्डन होता है- सीएम गहलोत

सीएम गहलोत (Ashok Gehlot) ने आगे कहा कि मुझे पता है टीचर्स पर काफी बर्डन है. आपका काम सिर्फ पढ़ने का है. लेकिन, उसके बावजूद आपको दूसरे भी काफी कम दिए जाते हैं. वह नहीं दिए जाने चाहिए. यह बात भी हमारे दिमाग में है. मौका लगेगा तो इस पर भी फैसला लेंगे. हम चाहते हैं कि शिक्षक सिर्फ शिक्षक का ही कम करें. बाकी काम दूसरे लोग करें. अगर फिर से हमारी सरकार बनेगी तो मैं आपसे वादा करता हूं. आपका काम किस तरह से हल्का हो इसको लेकर फैसला किया जाएगा.

कोई मंत्री नहीं लेना चाहता शिक्षा विभाग

गहलोत (Ashok Gehlot) ने आगे कहा कि जब भी मैं मुख्यमंत्री बनता हूं तो मंत्रियों की घोषणा होने के बाद सभी मंत्री मेरे पास वन बाय वन आते हैं. वह कहते हैं कि कोई भी विभाग दे देना. लेकिन, शिक्षा विभाग मत देना. शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला भी यही कहते हैं. फिर भी मैं इन्हें ही शिक्षा विभाग देता हूं. मुझे पता है कि यह मना तो कर रहे हैं. लेकिन, यह इस विभाग के एक्सपर्ट हो गए हैं. यह चार बार शिक्षा मंत्री बन चुके हैं.

टीचर्स को पटा-पट्टू कर रखते है कल्ला जी

सीएम ने शिक्षामंत्री बीडी कल्ला को लेकर कहा कि कल्ला जी बहुत भले आदमी है. यह अपना काम चला लेते हैं. शिक्षकों को भी पटा-पट्टू कर रखते हैं. ट्रांसफर पोस्टिंग शिक्षा विभाग में काफी समस्याएं रहती है. इसलिए इस विभाग को जो संयम रखना है. वहीं चला सकता है. क्योंकि शिक्षकों से लोहा लेना काफी मुश्किल काम होता है.

मैं यूनिवर्सिटी शुरू करता हूं, वसुंधरा राजे यूनिवर्सिटी बंद करती हैं- सीएम

उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी की पॉलिसी होती है. अगर कोई यूनिवर्सिटी शुरू होती है. तो वह बंद नहीं हो सकती है. लेकिन, वसुंधरा राजे ने पहली बार हरिदेव जोशी यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया. डॉ भीमराव अंबेडकर के नाम की यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया गया. लेकिन, हमारी सरकार ने एक्ट में परिवर्तन कर फिर से इन यूनिवर्सिटीज को शुरू किया. अब दोनों की शानदार बिल्डिंग बन रही है.

मैं और वसुंधरा जी मिले हुए

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि मैंने कई यूनिवर्सिटीज का निर्माण किया था. लेकिन पिछली सरकार ने उन्हें बंद कर दिया. इसके बाद भी लोग कहते है, मैं और वसुंधरा जी मिले हुए हैं. बताओ कहां मिले हुए हैं. मेरे सब कामों को उन्होंने बंद कर दिया. उन्होंने रिफाइनरी भी बंद कर दी थी. जिसकी वजह से 38 हजार करोड़ की रिफाइनरी अब 72 हजार करोड़ में बनेगी. जिसमें मोदी जी की सरकार ने भी उनके साथ दिया.

ERCP मेरी जिद

उन्होंने कहा कि पहले जब हम गुजरात से राजस्थान आते थे तो लोग कहते थे कि अगर नींद खुल जाए. तो समझो राजस्थान आ गया है. लेकिन, अब उल्टा मामला हो गया है. राजस्थान की सड़क शानदार हो चुकी है. राजस्थान में पानी की आज भी बड़ी समस्या है. ERCP योजना के बारे में तो आप सभी जानते हैं. हम जूझ रहे हैं, केंद्र सरकार से कि आप ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करो. उनकी जिद है कि वह नहीं करेंगे, और मेरी जिद है कि इसको बना कर ही रहेंगे.

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