जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पेपर लीक मामले में विरोध प्रदर्शन कर रहे भाजपा के नेताओं को गुजरात पेपर लीक प्रकरण के ज़रिए यह समझाने की कोशिश की है कि यह मामला केवल राजस्थान का नहीं देश भर का मसला है। केंद्र सरकार को इस दिशा में हल निकालने पर विचार करना चाहिए।
गुजरात में 17वा पेपर लीक
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आज गुजरात में पंचायत सर्विस सेलेक्शन बोर्ड ने जूनियर क्लर्क की भर्ती परीक्षा पेपर लीक के कारण रद्द की है। यह दिखाता है कि देशभर में पेपर लीक एक विकट समस्या बन गया है। गुजरात में यह पिछले सालों में 17वां पेपर लीक है। सेना भर्ती, हाईकोर्ट भर्ती, DRDO भर्ती तक में पेपर लीक व अनियमितताओं की शिकायत आई हैं जो दिखाता है कि यह समस्या कितनी गंभीर है। राजस्थान में पेपर लीक को गंभीरता से लेकर सख्त कार्रवाई की गईं हैं।
पेपर लीक में शामिल लोगों को जेल भेजा गया, नौकरी से बर्खास्त किया गया एवं माफियाओं की अवैध संपत्ति ध्वस्त की गई। मैं आशा करता हूं कि बाकी सरकारें भी युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखकर ऐसी ही गंभीरता से काम करेंगी।
सभी सरकारों को पेपर लीक की देशव्यापी समस्या को लेकर व्यापक हल निकालने पर विचार करना चाहिए जिससे युवाओं का भविष्य सुरक्षित हो सके। ग़ौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी सहित तमाम विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर लगातार सरकार को घेरने की कवायद में लगे हैं। सदन के भीतर और बाहर लगातार सरकार पर विपक्षी नेता हमलावर है।
भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा इस मामले में CBI जाँच की माँग को लेकर लगातार छह दिनों से धरने पर बैठे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस मामले में कई बार बयान दे चुके हैं गहलोत ने कहा है कि उनकी पूरी कोशिश की युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ नहीं हूँ लेकिन इस मामले में केवल राज्य सरकार नहीं बल्कि केंद्र सरकार सहित देश की सभी सरकारों को ठोस समाधान निकालने की दिशा में काम करना होगा।