राजस्थान में 199 विधानसभा सीटों पर 7 दिसम्बर को होने वाले चुनाव के लिए प्रचार का आज आखिरी दिन है. आखिरी दिन सभी प्रत्याशियों ने प्रचार में पूरी ताकत झौंक रखी है. जहां भाजपा ने अपनी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार की घोषणा पहले ही कर दी है वहीं कांग्रेस ने अभी तक मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का खुलासा नहीं किया है. जिसके लिए भाजपा ने अपनी चुनावी रैलियों में कई बार कांग्रेस पर निशाना साधा है. भाजपा के इस सवाल के जवाब में कांग्रेस ने कहा है कि जनता को मुद्दे से भटकाने के लिए भाजपा बार बार उनके मुख्यमंत्री पद के दावेदार का नाम पूछती है
दोनों ही पार्टियों ने अपने प्रचार में राज्य के कई मुद्दों को शामिल किया है और उन्हें दूर करने का वादा भी किया है लेकिन अब एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि चुनाव में वोटिंग करने हेतू राज्य की जनता के लिए मुख्यमंत्री पद के दावेदार का चेहरा भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. राजस्थान के 25 विधानसभा क्षेत्रों में एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार मतदाताओं के लिए मुख्यमंत्री उम्मीदवार महत्वपूर्ण कारक है और इसके बाद उम्मीदवार की पार्टी और उम्मीदवार का नंबर आता है.
इस सर्वे में पाया गया है कि नकदी का वितरण, शराब और तोहफे, उम्मीदवार की जाति और धर्म कुछ ऐसे मुद्दे है, जो कि जनता के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है. यह सर्वे अगस्त 2018 से नवम्बर 2018 के बीच 12,500 ग्रामीण और शहरी लोगों के बीच किया गया था.
इस सर्वे के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर रोजगार के अवसर, कृषि उत्पादों के लिए अधिक कीमत प्राप्ति और बेहतर कानून और व्यवस्था मुख्य मुद्दे है और अन्य मुद्दों में पेयजल, महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा और बेहतर कचरा निकासी शामिल है. वहीं शहरी क्षेत्रों में बेहतर रोजगार के अवसर और अस्पताल और स्वास्थ्य सुविधाएं मुख्य मुद्दे है. अन्य मुद्दों में बेहतर रोड, पानी और वायु प्रदूषण अन्य जरुरी मुद्दों में शामिल है.