जयपुर। राजस्थान विधानसभा में निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा विशेषाधिकार हनन पर बोलने के लिए खड़े हुए तो उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस पर आपत्ति जताई। इसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी और राठौड़ के बीच तकरार भी हुई। राठौड़ ने कहा कि प्रिविलेज मोशन पर बोलने की अनुमति हमें भी दी जाए।
सीपी जोशी और राजेंद्र राठौड़ में तकरार हुई। सीपी जोशी ने राजेंद्र राठौड़ से कहा कि मैंने भी कानून पढे हुए हैं। कोर्ट और विधानसभा कैसे चलेगी क्या यह राजेंद्र राठौड़ तय करेंगे। उन्होंने कहा कि आप बाहर जाना चाहे तो जाए यह मेरा अधिकार कि किसे बोलने की अनुमति दी जाए। इसके बाद बीजेपी विधायकों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी।
सीपी जोशी बोले मैंने दी हैं बोलने की अनुमति
विधानसभा में नियमों का हवाला देते हुए स्पीकर जोशी ने सदन में नियम- 157 को पढ़कर सुनाया। उन्होंने कहा कि अभी मैंने सदस्य को बोलने की अनुमति दी है। स्पीकर जोशी ने राठौड़ से कहा कि आप क्यों डर रहे हैं। मैं गलत नियमों से सदन चला रहा हूं, तो आप को कोर्ट में जाने का अधिकार है।
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि टुकड़ों में विशेषाधिकार कभी नहीं आया।
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि आपको सदन चलाने का पूरा अधिकार है। सदन में जब डिस्कशन होता है तो सभी को बोलने का अधिकार मिलता है।
संयम लोढ़ा ने कहा कि तीसरी बार सदन में सिरोही की जनता के आशीर्वाद से आया हूं। लेकिन आज मन बहुत भारी है। इस्तीफो के संबंध में अध्यक्ष ने कोई निर्णय नहीं किया।
एक सदस्य के आचरण से आहत होकर विशेषाधिकार हनन लाया हूं।
विधायिका के माध्यम से अध्यक्षों ने कई बार महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं।
क्या इस सदन में बैठकर हम इसे कमजोर करना चाहते हैं ? क्या राजस्थान हाई कोर्ट के हम सबोर्डिनेट है। हाई कोर्ट कैसे इस सदन को डिक्टेट कर सकता है। सदस्य ने हाईकोर्ट जाकर राजस्थान की सात करोड़ जनता का अपमान किया है।
इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के अलग-अलग अधिकार है। मैं इस पर निर्णय करूंगा कि सदन में चर्चा करवानी है या कमेटी में भेजना है।