प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूलों में सुविधाओं,छात्र व शिक्षकों की संख्या सहित कई बिंदुओं को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा जानकारी मांगी जा रही है. केन्द्र सरकार द्वारा इसको लेकर प्रदेश के शिक्षा विभाग को काफी पहले ही निर्देश कर दिया था. जिसके बाद शिक्षा विभाग ने भी सभी स्कूलों को समय पर जानकारी देने के निर्देश दिए थे. लेकिन जानकारी देने की अगर बात की जाए तो अभी तक करीब 26 फीसदी से ज्यादा स्कूलों ने केन्द्र सरकार को यह जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई है.
स्कूलों को यू डाइट पोर्टल पर ऑनलाइन देनी है पूरी जानकारी
केन्द्र सरकार की ओर से प्रदेश की निजी और सरकारी करीब 1 लाख 6 हजार से ज्यादा स्कूलों से यह जानकारी मांगी है. जिसके तहत स्कूलों को स्टाफ की संख्या, बच्चों की संख्या, स्कूलों में सुविधाओं की जानकारी के साथ ही बच्चों को दी जा रही अतिरिक्त और अन्य सुविधाओं की जानकारी देनी है. इसके साथ ही स्कूलों द्वारा जो अलग किया जा रहा है उसकी जानकारी भी केन्द्र सरकार की ओर से दी जानी है. यह पूरी जानकारी यू डाइट पोर्टल पर ऑनलाइन भरनी है.
1 लाख 6 हजार स्कूलों में से 28 हजार स्कूलों ने नहीं दी जानकारी
प्रदेश के निजी और सरकारी स्कूलों की बात की जाए तो प्रदेश में करीब 1 लाख 26 हजार स्कूल है. ऐसे में इन सभी स्कूलों को केन्द्र सरकार को जानकारी देनी है. लेकिन अभी तक सिर्फ करीब 78 हजार स्कूलों ने ही जानकारी अपलोड की है. जबकि करीब 28 हजार 200 से ज्यादा स्कूलों ने अभी तक जानकारी अपलोड नहीं की है. स्कूलों की लापरवाही को लेकर अब स्कूल शिक्षा परिषद ने भी अपनी नाराजगी जताई है
जालोर सबसे फिसड्डी तो इस कतार में 15 जिले शामिल
ऑनलाइन फिडिंग की अगर बात की जाए तो अब तक फिसड्डी रहने में जालोर सबसे अव्वल रहा है. जालोर जिले में अभी तक महज 27.65 फीसदी स्कूलों ने ही जानकारी अपलोड की है तो वहीं जालोर सहित 6 जिले ऐसे हैं जहां अभी तक 50 फीसदी से भी कम स्कूलों ने जानकारी अपलोड की है. करौली 39.19 फीसदी. जैसरमेर 39.57 फीसदी.दौसा 40.22 फीसदी. सवाईमाधोपुर 46.99 फीसदी. भरतपुर 49.23 फीसदी जानकारी ही अपलोड कर पाए हैं.
स्कूल शिक्षा परिषद जता रहा नाराजगी. जबकि जयपुर जिले के हाल भी बुरे
स्कूलों द्वारा केन्द्र सरकार को जानकारी उपलब्ध नहीं होने के चलते राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा नाराजगी जताई जा रही है. लेकिन जयपुर जिले के हाल भी कुछ खास नहीं है. जयपुर जिले की अगर बात की जाए तो अभी तक 50.61 फीसदी स्कूलों ने ही जानकारी उपलब्ध करवाई है. तो वहीं 15 जिले ऐसे हैं जहां अभी तक 30 फीसदी से ज्यादा स्कूलों को जानकारी अपलोड करनी है