केंद्र और राजस्थान सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर रहे पूर्व वित्त सचिव अरविंद मायाराम के ठिकानों पर सीबीआई ने छापा मारा है। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन की टीमें दिल्ली और जयपुर में छापेमारी कर रही है। भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई पूर्व आईएएस अधिकारी के घर पर पहुंची है।
भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
पूर्व वित्त सचिव अरविंद मायाराम पर आरोप है कि करेंसी छपाई के लिए दिए गए टेंडर की अनियमितता में शामिल थे। दिल्ली और जयपुर में आज एक साथ छापे मारे गए हैं। अब तक की छापेमारी में वित्तीय अनियमितताओं के साथ आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं। सीबीआई ने इस पूरे मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, ना ही गिरफ्तारी की है।
कई अन्य लोग भी दायरे में
भ्रष्टाचार से जुड़े इस पूरे मामले में अरविंद मायाराम के साथ वित्त मंत्रालय और आरबीआई के कुछ अधिकारियों की भी जांच चल रही है। अरविंद मायाराम वर्ष2012 से 14 के दौरान भारत के वित्त सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में वित्त मंत्री पी चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान मायाराम को ग्रामीण विकास मंत्रालय में स्थानांतरित किया गया था।
1978 बैच के आईएएस अधिकारी रहे अरविंद मायाराम
1978 बैच के आईएएस अधिकारी रहे अरविंद मायाराम वर्तमान में राजस्थान सरकार में मुख्यमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार के तौर पर काम कर रहे हैं। अरविंद मायाराम ने वित्त में पीएचडी की है। मायाराम वर्ल्ड बैंक, एशियाई विकास बैंक और अफ्रीकी विकास बैंक के वार्डों में भारत के वैकल्पिक गवर्नर के रूप में काम किया है। अरविंद मायाराम ब्रिक्स एशियन इन्फ्राट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक के लिए भारत के मुख्य वार्ताकार और जी-20 के वर्क वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष भी रहे हैं। अरविंद मायाराम के पास इन पदों के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड और भारतीय जीवन बीमा निगम की बोर्ड में काम करने का अनुभव है।