राजस्थान में 7 दिसम्बर को विधानसभा 2018 के लिए 199 सीटों पर चुनाव होने जा रहे है. इस चुनाव से जहाँ भाजपा एक बार फिर सत्ता में आना चाहेगी वहीं कांग्रेस राज्य में सरकार बदलने का इतिहास जारी रखना चाहेगी. इसके लिए दोनों ही पार्टियों ने कड़ी मेहनत की है. अब इस मेहनत का क्या परिणाम रहता है यह तो जनता 7 दिसम्बर को तय करेगी और इसका परिणाम 11 दिसम्बर को आएगा लेकिन फिलहाल दोनों ही पार्टियों के लिए बड़ा काम अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाना होगा. इसके लिए भाजपा ने एक योजना भी बनाई है.
इस चुनाव में भाजपा की जीत अब पार्टी के पन्ना प्रमुख पर टिकी हुई है. पन्ना प्रमुख मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लेकर आएगा ताकि वे उनके पक्ष में मतदान कर सके. इसके लिए भाजपा ने चुनावी मैदान में लगभग 15 लाख पन्ना प्रमुख और अर्ध पन्ना प्रमुख की नियुक्ति की है. भाजपा के इन कार्यकर्ताओं ने पार्टी के वोट बैंक का सर्वे भी किया है ताकि पार्टी को पता चल सके कि उन्हें किसी मतदान केंद्र पर कितने वोट मिलेंगे और उन्हें किन क्षेत्रो में अपनी योजना को अभी भी मजबूत करने की जरूरत है.
बता दें कि भाजपा राज्य की सभी 199 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और 7 दिसम्बर को हर मतदान केंद्र पर उनके कार्यकर्ता उपस्थित होंगे. इसके अलावा कार्यकर्ता 6 दिसम्बर को घर घर जाकर लोगों से भाजपा के पक्ष में अधिक से अधिक मतदान करने के लिए भी अपील करेंगे.
भाजपा के इन कार्यकर्ताओं ने कमल दीया अभियान, परिवार सम्पर्क अभियान और लाभार्थी सम्पर्क अभियान जैसे कार्यक्रमों की मदद से अधिक से अधिक मतदाताओं से सम्पर्क करने की कोशिश की है. बता दें कि राज्य में 4.76 करोड़ से ज्यादा मतदाता पंजीकृत है जो कि 7 दिसम्बर को 2294 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे.