जयपुर। पेपर लीक मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने भाजपा राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के साथ आंदोलन में सहभागिता दी।
पेपर लीक की सबसे ज्यादा घटनाएं राजस्थान में
सतीश पूनियां ने कहा कि, देश के इतिहास में सर्वाधिक पेपर लीक की घटनाएं कांग्रेस सरकार की सरपरस्ती में राजस्थान में हो रही हैं और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सदन में लीपापोती करने में लगे हुए हैं, हमारे जागरूक जनप्रतिनिधि भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा पेपर लीक मामलों की निष्पक्ष जांच को लेकर जयपुर में घाट की गुणी पर धरने पर बैठे हैं, आज वहां पहुंचकर आंदोलन में सहभागिता दी।
लोकतंत्र में अनसुना नहीं कर सकते
अशोक गहलोत सरकार को आज नहीं तो कल, परसों सुनना ही पड़ेगा, लोकतंत्र में अनसुनी नहीं कर सकते, यह अलग बात है कि कांग्रेस की मौजूदा सरकार है वो इतनी हठधर्मी है कि उसने खुदने 2018 के जनघोषणा पत्र में इसका भरोसा दिलाया था कि उनके अंतरराष्ट्रीय नेता राहुल गांधी ने पब्लिक मीटिंग में कहा था, खासतौर पर दो कम्युनिटीज के लिए, किसानों के लिए और नौजवानों के लिए, किसानों के लिये सम्पूर्ण कर्जामाफी की बात की थी, बेरोजगारों के लिए रोजगार बात की थी, बेरोजगारी भत्ते की बात की थी, लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं किया।
भाजपा ने मजबूती से उठाया पेपर लीक मामला
देश के इतिहास में राजस्थान में 16 बार लीक होना और शर्मनाक तो यह है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री सदन में दूसरे प्रदेशों का हवाला देकर लीपापोती करने की कोशिश करते हैं। उनसे जवाब नहीं बन रहा था और लगातार पेपर लीक के मसले में भाजपा व पार्टी के तमाम जनप्रतिनिधियों ने अनेक अवसरों पर पार्टी के युवा मोर्चा ने, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सड़क से लेकर कोर्ट तक लड़ाई लड़ी है और पार्टी ने सड़क से लेकर सदन तमाम बार मजबूती से लड़ाई लड़ी है।
2023 में कांग्रेस का होगा सूपड़ा साफ
लेकिन ऐसा लगता नहीं है कि कांग्रेस सरकार की मंशा है कि निष्पक्ष एवं सक्षम एजेंसी से जांच करवायें और रोजगार की मांग को लेकर, किसान कर्जामाफी की मांग को लेकर अब शीशे की तरह नकाब उतर गया है, राजस्थान का नौजवान निश्चित रूप से 2023 में कांग्रेस का राजस्थान से सूपड़ा साफ करके जवाब मांगेगा।
हम लगातार इस मामले को सदन में भी उठाएंगे
पेपर लीक मामलों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सदन में आज फिर से हम स्थगन लगाए थे, सदन में भी हम इस मुददे को जिंदा रखेंगे और धरातल पर भी हमने पार्टी व युवा मोर्चा को कहा है कि सभी जिलों में भी वहां के नौजवानों को संगठित करके और बड़ी संख्या में वहां अपना विरोध प्रदर्शन करें।
किरोड़ी लाल जागरूक जनप्रतिनिधि
जागरूक जनप्रतिनिधि के नाते डॉ. किरोड़ीलाल ने, क्योंकि बहुत अरसे से राजस्थान के पूर्वी हिस्सों का प्रतिनिधित्व करते है, बहुत संख्या में नौजवान इनके पास आते हैं तो एक पहल इन्होंने की है और मुझे लगता है कि जब कोई आंदोलन खड़ा होता है वो ना तो एक दिन में शुरू होता है ना खत्म होता है। आंदोलन की और मुददों को मुखरता से उठाने की धरातल पर जो आवाज जाती है वह और मुखर होगी और परिणाम लेकर आएगी, यह जो संघर्ष है व्यर्थ नहीं जाएगा।
सरकार से जुड़े लोग थे शामिल
यथा राजा तथा प्रजा, राजा की यदि नीयत खराब होती है तो नीचे जो कारिंदे होते हैं वो गफलत करते ही हैं, इस पूरे पेपर लीक प्रकरण में कोई भी आदमी बता देगा कि पूरे तरीके से कांग्रेस सरकार से जुड़े व संरक्षण प्राप्त लोगों की संलिप्तता इसमें थी। कांग्रेस शासन में मुझे लगता है कि यह उनका हिडन एजेंडा था और उसके कारण उनके राजनेता, उनसे जुड़े लोग एक पूरा नेक्सेस है।
राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े लोगों का पेपर लीक में सीधा हाथ है, जिसमें प्रमुख पदों पर सोनिया गांधी और अशोक गहलोत जैसे कांग्रेस के प्रमुख लोग बैठे हुये हैं, जिससे स्पष्ट है कि सीबीआई जांच देने से कांग्रेस सरकार में बैठे तमाम लोग जेल में होंगे, इसलिये मुख्यमंत्री सीबीआई से जांच करवाने से डर रहे हैं। यह पूरे तरीके से सुनियोजित षडयंत्र है।
पीसीसी चीफ रहे व डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट ने सार्वजनिक तौर पर बयान दिया था कि, तिजोरी के ताले टूटकर पेपर कैसे बाहर आया, यह कौनसा जादू है, इस बात का जवाब अशोक गहलोत बतायें?
पेपर लीक मामले में जयपुर में लीपापोती करने के लिये मकान मालिक की बिल्डिंग को गिरा दिया गया, लेकिन पेपर लीक में शामिल माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
वहीं उत्तरप्रदेश में योगी सरकार ने कड़ी कार्रवाई कर पेपर लीक माफियाओं को जेलों में डाला, बुलडोजर चलाकर उनकी संपत्ति जब्त की और राजस्थान में भाजपा की 2023 में सरकार बनने पर युवाओं से वादा करते हैं कि सभी परीक्षायें समय पर होंगी और पेपर लीक करने की कोई हिम्मत नहीं कर पायेगा, सख्त कानून बनायेंगे और बुलडोजर भी चलाना पड़े तो पीछे नहीं हटेंगे।