चौक टीम, जयपुर। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी का चार साल पुराना गठबंधन टूट की कगार पर है। चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधायक दल की बैठक बुलाई है। बीजेपी विधायकों के साथ ही निर्दलीय विधायकों को भी बैठक में आने के लिए कहा है। वहीं खबर ये भी आयी है कि सीएम खट्टर राजभवन में राज्यपाल से मिलने जा रहे हैं। इधर, दिल्ली में मौजूद डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने भी जेजेपी विधायकों की बैठक बुलाई है।
लोकसभा चुनाव में शीट शेयरिंग बनी टूटने की वजह
जानकारी के मुताबिक दिल्ली से अर्जुन मुंडा और तरुण चुघ पर्यवेक्षक बनाकर विधायक दल की बैठक के लिए चंडीगढ़ भेजे गए हैं। हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी के बीच गठबंधन टूटने की वजह लोकसभा चुनाव में शीट शेयरिंग पर सहमति न होना बताई जा रही है। इसके साथ ही हरियाणा में अब नए मंत्रीमंडल का गठन हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही हरियाणा कैबिनेट के सभी मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद हरियाणा में सीएम चेहरा बदलने की भी चर्चाएं हैं।
गठबंधन टूटने का ऐलान महज औपचारिकता!
इसके साथ सूत्रों से ये भी खबर आयी है कि जेजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत विफल रहने के बाद जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला आज यानि 12 मार्च की शाम को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने वाले हैं। गठबंधन के भविष्य को लेकर इस मुलाकात को अहम माना जा रहा था लेकिन अब चीजें जिस तरह तेजी से बदल रहा है, गठबंधन टूटने का ऐलान महज औपचारिकता माना जा रहा है।
सीएम खट्टर ने हरियाणा लोकहित पार्टी के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा के साथ ही निर्दलीय विधायकों से भी मुलाकात की है। गोपाल कांडा ने कहा है कि मेरे हिसाब से तो बीजेपी-जेजेपी का गठबंधन टूट चुका है। ऐसे में सवाल यह उठ रहे हैं कि जेजेपी के सरकार से अलग होने के बाद बीजेपी की सत्ता कितनी सेफ है? 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा 46 विधायकों का है।
हरियाणा विधानसभा का पूरा गणित
हरियाणा में 90 विधानसभा सीटें हैं। इनमें 41 भाजपा, 30 कांग्रेस, 10 जजपा, 1 इनेलो, 1 हलोपा और 7 निर्दलीय हैं। बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए। अभी भाजपा-जजपा की गठबंधन की सरकार भाजपा के 41, जजपा के 10 और एक निर्दलीय रणजीत चौटाला सरकार में है। अगर जजपा गठबंधन तोड़ देती है तो भाजपा के पास 41, 7 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक का समर्थन है। ऐसे में भाजपा के पास बहुमत के 46 के आंकड़े से 3 ज्यादा सीटें बन रही हैं।