बिहार में जातिगत गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद सियासत चरम पर है. इसके कारण सियासी समीकरणों में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे है। जहा BJP सरकार को बिहार में हुई जातिगत गणना से कई तरह की दिक्कते हो रही है और BJP सरकार इसकी लगातार आलोचना भी कर रही है पर अब उन्ही के सांसद ने अब खुदकी ही पार्टी को जातिगत गणना करवाने का सुझाव दिया है आपको बता दे की उन्नाव पहुंचे बीजेपी के सांसद मुकेश राजपूत ने जाति गणना का समर्थन किया है.
पिछड़े समाज की जनसंख्या कम से कम 55% से ऊपर
मुकेश राजपूत ने बुधवार (4 अक्टूबर) को कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में नहीं बल्कि पूरे देश के अंदर पिछड़े समाज की जनसंख्या कम से कम 55% से ऊपर है. मेरा यह व्यक्तिगत मानना है कि इसकी जनगणना होनी चाहिए…. उन्होंने कहा कि सब जाति की जनगणना होनी चाहिए.
क्योंकि जब देश के अंदर गाय, भैंस, बकरी, शेर और ऊंट कितने हैं उनकी गणना होती है तो जाति की भी गणना होनी चाहिए. मैं तो चाहता हूं कि देश के प्रधानमंत्री और भारत सरकार को जाति की जनगणना करनी चाहिए.
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कल्याण सिंह की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में शामिल
फर्रुखाबाद से बीजेपी के सांसद मुकेश राजपूत उन्नाव में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे….इस दौरान जब उनसे पिछड़े समाज की जनसंख्या और बिहार में गणना की रिपोर्ट जारी होने पर सवाल किया गया तो उन्होंने जाति जनगणना होने का समर्थन किया.
उन्होंने कहा कि जब देश के अंदर हमारे यहां कितनी गाय हैं, कितनी भैंस हैं, कितनी बकरी है, कितने हमारे पास शेर हैं, कितने हमारे पास ऊंट हैं, उनकी गणना है तो जाति की भी गणना होनी चाहिए.
ईबीसी राज्य की कुल आबादी का 63 प्रतिशत हिस्सा
केंद्र सरकार ने नहीं किया है उस पर ज्यादा हम कुछ नहीं कहेंगे. मैं तो चाहता हूं केंद्र सरकार को जाति जनगणना करनी चाहिए…. वही आपको बता दे की बता दें कि, बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले सोमवार को अपने बहुप्रतीक्षित जाति सर्वेक्षण के निष्कर्ष जारी किए. जिसमें पता चला कि ओबीसी और ईबीसी राज्य की कुल आबादी का 63 प्रतिशत हिस्सा हैं….
अब खुद BJP के सांसद ने यह बात अब कह दी तो क्या लगता है बीजेपी के निशाने पर आ गए है सांसद मुकेश राजपूत। .. क्युकी बीजेपी सरकार ने जाति जनगणना की आलोचना की है और इसका समर्थन भी बीजेपी ने नहीं किया है अब देखने वाली बात यह होगी की क्या पुरे देश की जाति जनगणना करवाई जाएगी या फिर यह मुद्दा भी हवा उड़ा ले जाएगी।