प्रदेश की सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले होनहार विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है. आर्थिक रूप से कमजोर होनहार विद्यार्थी अब सरकार के खर्चे पर इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई कर सकेंगे. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले प्रतिभावान विद्यार्थियों को आर्थिक रूप से पिछड़े होने का दंश नहीं झेलना पड़ेगा. शिक्षा विभाग की ओर से इसको लेकर पहल की जा रही है. शिक्षा विभाग की ओर से उन होनहार विद्यार्थियों को आगे बढ़ाकर पढ़ाई का अवसर दिया जाएगा जो पहले आर्थिक रूप से अपने सपने पूरा करने में कहीं ना कहीं पीछे रह जाते थे.इसके लिए शिक्षा विभाग ने एक मास्टर प्लान तैयार कर लिया है. जिसको जल्द ही अमलीजामा पहनाया जाएगा.
प्रतिभावान विद्यार्थियों को पुणे में दिलाई जाएगी निशुल्क कोचिंग
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले प्रतिभावान विद्यार्थियों को आईआईटी और नीट की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग की सुविधा की पहल प्रदेश सरकार की ओर से की जा रही है. शिक्षा विभाग आर्थिक रूप से प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को कोचिंग दी जाएगी. योजना के तहत चुने गए छात्रों को एक साल के लिए पुणे में निशुल्क कोचिंग सरकार की ओर से दिलाई जाएगी.
पहले फेज को लेकर शिक्षा विभाग ने तैयारियों की पूरी
समसा निदेशक डॉ मोहन लाल यादव ने बताया कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बड़ी संख्या में विद्यार्थी ऐसे हैं जो मेधावी तो हैं, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर हैं. जिसके चलते वो हायर स्टडी या प्रोफेशनल स्टडीज में एडमिशन नहीं ले पाते. ऐसे ही विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग इस योजना को शुरू कर रहा है. शिक्षा विभाग की ओर से इसको लेकर तीन संस्थानों के साथ शिक्षा विभाग की ओर से एमओयू किया गया है. विद्यार्थियों को छठी से 12वीं तक के छात्रों को मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से मैथ और साइंस की पढ़ाई करवाई जाएगी. इसके साथ ही एक संस्थान प्रदेश के 5 हजार टॉपर और एक हजार छात्राओं को नीट-जेईई की तैयारी करवाएगी. वहीं एक संस्थान 9वीं से 12वीं तक के 10 हजार छात्रों को 60 सेकेंड के क्वेरी शोर्ट आउट करेगी.
पारिवारिक आय 2 लाख से कम वालों को मिलेगा योजना का लाभ
समसा निदेशक डॉ. मोहन लाल यादव ने बताया कि जो विद्यार्थी 2023 में होने वाली 12वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं उनके आवेदन लिए गए हैं. चयनित छात्रों को एक वर्ष के लिए कोचिंग के साथ खाने और रहने की सुविधा भी फ्री में दिलवाई जाएगी. योजना का लाभ उन विद्यार्थियों को मिल सकेगा जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय दो लाख रुपए से कम है. शिक्षा विभाग की ओर से ऐसे 36 एनजीओ से एमओयू किया गया है. इसमें तीन संस्थान छात्रों के साइंस और मैथ को मजबूत करते हुए उन्हें नीट और जेईई एग्जाम्स के लिए तैयार कराएंगी, छात्रों को 24 घंटे ऑनलाइन स्टडी मिल सकेगी