चौक टीम, जयपुर। कांग्रेस विधायक और CWC सदस्य महेंद्रजीत सिंह मालवीय के भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक मालवीय कांग्रेस के रवैये से ‘खुश’ नहीं हैं। दरअसल मालवीय नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाए जाने से पार्टी से नाराज चल रहे हैं। गौरतलब है कि 14 फरवरी को राज्यसभा चुनाव के लिए राजस्थान से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में सोनिया गांधी के नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान भी मालवीय जयपुर नहीं आए थे।
कांग्रेस को कुछ लोगों ने घेर रखा है- मालवीय
वहीं, भाजपा में शामिल होने के सवाल पर CWC सदस्य महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने कहा कि, देश में कांग्रेस की दुर्दशा आप देख सकते हैं। अगर मैं व्यक्तिगत कुछ कहूं तो 2013 में भी मेरा CLP के लिए मेरा नाम था, अभी भी CLP के लिए मेरा नाम था और तीन साल मंत्री नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कुछ लोगों ने घेर रखा है, देश के लिए कांग्रेस का जो विजन था वो अब नहीं रहा है।
आपको बता दें फिलहाल मालवीय जयपुर में ही है। गुरुवार को मालवीय ने अपने कुछ खास नजदीकी लोगों से शाम को मुलाकात की। आज दिल्ली के लिए रवाना होंगे। मालवीय की जॉइनिंग का कार्यक्रम दोपहर एक बजे बताया जा रहा है। अमित शाह या जेपी नड्डा जैसे वरिष्ठ नेता मालवीय की जॉइनिंग कराएंगे। मालवीय पिछले कुछ समय से कांग्रेस में उपेक्षित महसूस कर रहे थे। मालवीय की इच्छा नेता प्रतिपक्ष बनने की भी थी। इस बाबत कांग्रेस नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली गए थे लेकिन कुछ दिन के प्रयास के बाद भी आलाकमान से समय नहीं मिला।
कौन हैं महेंद्रजीत मालवीय?
दरअसल मालवीय दक्षिणी राजस्थान से कांग्रेस के बड़े आदिवासी चेहरे हैं और 2023 के विधानसभा चुनाव में वह बागीदौरा से विधायक चुनकर आए हैं। ऐसे में लोकसभा चुनावों से पहले मालवीय के जाने से वागड़ (डूंगरपुर, बांसवाड़ा) में कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है। माना जा रहा है कि बीजेपी डूंगरपुर-बांसवाड़ा से मालवीय को लोकसभा का उम्मीदवार बना सकती है। इसके अलावा कांग्रेस सरकार के कई मंत्रियों के भी बीजेपी में जाने की अटकलें चल रही है।
आदिवासी बेल्ट का बड़ा चेहरा हैं मालवीय
बता दें कि महेंद्रजीत सिंह मालवीय कांग्रेस का बड़ा आदिवासी चेहरा माना जाता है जिनके पास लंबा राजनीतिक अनुभव है और आदिवासी बेल्ट में वह सरपंच से लेकर, प्रधान, विधायक और सांसद का चुनाव लड़े हैं। वहीं मालवीय दक्षिणी राजस्थान ख़ास तौर पर बांसवाड़ा-डूंगरपुर में जनता के बीच काफी फेमस है।
दरअसल मालवीय कांग्रेस से करीब 35 साल से अधिक समय से जुड़े रहे हैं जहां उनका सफर कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI से शुरू हुआ था जिसके बाद वह युवा कांग्रेस के सदस्य भी रहे। इससे पहले मालवीय गहलोत की दो सरकारों में मंत्री रहे हैं और बीते दिनों ही कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें कांग्रेस वर्किंग कमेटी का मेंबर बनाया था।
ये नेता भी कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं
इसके साथ दूसरे नेताओं की बात करें तो लालचंद कटारिया ने निजी कारण बताते हुए कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था। राजेंद्र यादव भी कोटपूतली से विधायक रह चुके हैं और पिछली गहलोत सरकार में मंत्री भी थे। चुनाव से पहले उनके ठिकानों पर इनकम टैक्स भी पहुंची थी। उदयलाल आंजना पर भी पिछली सरकार में लगातार इनकम टैक्स की कार्रवाई हुई थी। बताया जा रहा है कि ये नेता किसी न किसी कारण से कांग्रेस से नाराज हैं और पार्टी बदल सकते हैं।