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गहलोत सरकार के सभी बड़े फैसलों की समीक्षा करेगी भजनलाल सरकार, 20 फरवरी से पहले भेजनी होगी रिपोर्ट; जानिए क्या है माजरा?

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार हुई और बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ प्रदेश में सरकार बनाई, साथ ही कांग्रेस सरकार ने कई फैसले भी लिए थे।

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चौक टीम, जयपुर। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार हुई और बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ प्रदेश में सरकार बनाई, साथ ही कांग्रेस सरकार ने कई फैसले भी लिए थे। अब राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली बेजीपी सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की तरफ से किए गए निर्णयों की समीक्षा के लिए चार सदस्यीय कैबिनेट समिति का गठन किया है। अब इस कमेटी को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।

गहलोत सरकार ने इन विभागों में लिए थे अहम फैसले

दरअसल, पिछली गहलोत सरकार के कार्यकाल के आखिरी 6 माह के कामकाज और फैसलों की समीक्षा के लिए गठित कैबिनेट कमेटी ने तमाम मंत्रियों को अपने-अपने विभागों से जुड़ी योजनाओं व फैसलों की रिपोर्ट जल्द भेजने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में 13 फरवरी को हुई मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक के बाद मंत्रियों को निर्देश दिए गए थे। बता दें पिछली कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम 6 माह में सबसे ज्यादा फैसले और घोषणाएं जिन विभागों में की हैं उनमें चिकित्सा, यूडीएच, पंचायत राज और ग्रामीण विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, राजस्व, खाद्य आपूर्ति, परिवहन आदि प्रमुख हैं।

बताया जा रहा है कि इस निर्देश के बाद से ही अधिकांश मंत्री अपने-अपने विभागों के प्रमुख अधिकारियों के साथ पिछली सरकार के फैसलों और कामकाज की समीक्षा कर तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार करने में जुटे हैं। हालांकि कमेटी ने भी अपने स्तर पर करीब 200 से ज्यादा फैसलों को सूचीबद्ध किया है।

20 फरवरी से पहले भेजनी होगी रिपोर्ट

सूत्रों की मानें तो सभी मंत्रियों को विभागों से जुड़े फैसलों की रिपोर्ट 20 फरवरी से पहले कमेटी को भेजनी होगी। कमेटी की अगली बैठक 20 फरवरी को प्रस्तावित है, जिसमें पूर्ववर्ती सरकार के फैसलों की समीक्षा होगी कि किन-किन योजनाओं को यथावत रखा जाना है और कौन सी योजनाएं व फैसले ऐसे हैं जिनमें संशोधन किया जा सकता है। कुछ योजनाओं को बंद भी किया जा सकता है।

इन योजनाओं पर मंडरा रहे हैं संकट के बादल

वहीं ये भी बताया जा रहा है कि गहलोत सरकार के पिछले बजट में की गई सभी घोषणाएं रिव्यू के दायरे में आ गई हैं। महिलाओं को फ्री मोबाइल देने की योजना को कमेटी बंद करने की राय दे सकती है। फिलहाल इस योजना की जांच और रिव्यू का काम चल रहा है। फ्री राशन किट योजना पर भी फिर से विचार होगा। फ्री स्कूल ड्रेस बांटने की योजना का भी स्ट्रक्चर बदलना तय माना जा रहा है।

पांच साल के सभी बड़े टेंडरों की जांच

गहलोत राज में हर विभाग में हुए सभी बड़े टेंडरों की छानबीन का काम चल रहा है। पीडब्ल्यूडी, जलदाय, बिजली, महिला बाल विकास, आईटी विभाग के सभी बड़े टेंडरों की जांच शुरू हो गई है। पहले हर मंत्री और प्रमुख सचिव अपने स्तर पर विवादित टेंडरों की जांच करेंगे। इसके बाद कमेटी उन पर आगे एक्शन लेने की सिफारिश अपनी रिपोर्ट में करेगी।

गजेंद्र सिंह खींवसर की देखरेख में हो रही है समीक्षा

गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार के अंतिम 6 माह के कार्यकाल के दौरान लिए गए फैसलों की समीक्षा के लिए भाजपा सरकार ने चार मंत्रियों की कमेटी गठित थी। चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर को समिति का संयोजक बनाया गया, जबकि जोगाराम पटेल, सुमित गोदारा और मंजू बाघमार समिति के सदस्य हैं। विपक्ष में रहते भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले की गई घोषणाओं और सरकार के फैसलों पर सवाल खड़े किए थे।

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