चौक टीम, जयपुर। राजस्थान में भजन लाल सरकार समान नागरिकता संहिता विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। यह जानकारी सरकार ने विधानसभा में बीजेपी विधायक के सवाल के जवाब में दी। इसके अलावा सदन में पुरानी पेंशन योजना और किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र के थानों में दर्ज मामलों समेत कई मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ ने समान नागरिकता संहिता विधेयक पर सरकार की मंशा जाननी चाही। इस पर विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि सरकार इस विषय पर विचार कर रही है और उचित समय पर विधेयक सदन में पेश किया जाएगा।
मंत्री ने विधानसभा में दिया ये जवाब
दरअसल, बीजेपी के मालवीय नगर के विधायक कालीचरण सर्राफ के सवाल का विधानसभा में जवाब देते हुए राजस्थान के भजन लाल सरकार के विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा है कि सभी धर्म के लिए राजस्थान सरकार भी समान नागरिक संहिता यानी कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की तैयारी में है। उचित वक्त आने पर पूरी तैयारी के साथ उचित समय पर इससे जुड़ा बिल विधानसभा में रखा जाएगा।
हालांकि राजस्थान की भाजपा सरकार ने विधानसभा में इस बिल को लाने और समान नागरिक संहिता लागू करने की समय सीमा के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। ना ही भाजपा के सवाल लगाने वाले मालवीय नगर के विधायक कालीचरण शराफ ने प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के पूरक प्रश्न पूछने की बात पर इससे जुड़ा कोई सवाल सरकार से पूछ कर आगे की जानकारी लेने की कोशिश नहीं की।
डोटासरा बोले- कितने दिन सरकार को बचाओगे?
इस बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और सदन के सदस्य गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा, ‘मेरा स्वास्थ्य का सवाल स्थगित क्यों किया? कितने दिन सरकार को बचाओगे?’ बाद में अध्यक्ष ने मामले को शांत कराया। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र के थानों में दर्ज मामलों, लालसोट-सवाई माधोपुर स्टेट हाईवे पर टोल वसूली, धोद विधानसभा के चिकित्सालय में पदों की संख्या और नकली बीज व खाद से जुड़े सवालों पर भी चर्चा हुई।
जल्द लागू होगा समान नागरिकता संहिता विधेयक
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद राजस्थान सरकार ने भी इस दिशा में पहल शुरू कर दी है। सरकार उत्तराखंड के विधेयक का अध्ययन कर रही है और उसके आधार पर राज्य के लिए एक मसौदा तैयार करने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर इस काम के लिए मंत्रियों और अधिकारियों की एक कमेटी बनाई गई है। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही सरकार राज्य में समान नागरिकता संहिता विधेयक लाने पर फैसला लेगी।