- पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार (Bhajanlal Government) पर ब्यूरोक्रेसी के मुद्दे पर सवाल उठाए।
- गहलोत ने IAS और IPS तबादलों को लेकर मौजूदा सरकार की आलोचना की।
- भाजपा सरकार पर गहलोत का तंज, “भाजपा के आरोप गलत साबित हुए हैं।”
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को मुख्यमंत्री भजनलाल पर ब्यूरोक्रेसी को लेकर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, “भाजपा ने हमारी सरकार के समय प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी पर कई आरोप लगाए थे। अब आठ महीने की सत्ता के बाद भी वही अधिकारी प्रमुख पदों पर काबिज हैं। यह दर्शाता है कि हमारी सरकार की नियुक्तियां पूरी तरह से सही थीं और भाजपा के आरोप गलत साबित हुए हैं।”
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भजनलाल सरकार के खिलाफ सवाल:
गहलोत ने यह भी कहा कि अफसरों के तबादलों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, जिससे जनता के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार को इस स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए ताकि अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ठीक से कर सकें।
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ब्यूरोक्रेसी को लेकर पहले भी उठे है सवाल:
यह पहला मौका नहीं है जब भजनलाल सरकार (Bhajanlal Government) की ब्यूरोक्रेसी को लेकर सवाल उठे हैं। विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के नेता भी अफसरशाही के बढ़ते दबाव पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। हाल ही में समाप्त हुए बजट सत्र में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा था कि “भाजपा का बजट भी कांग्रेस सरकार के अफसरों की टीम ने बनाया है।”
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भाजपा नेताओं की प्रतिक्रियाएं:
- भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत ने भी अफसरशाही के बढ़ते प्रभाव पर सवाल उठाए और कहा कि कई सरकारी कार्यालयों में कांग्रेस के कार्यकाल से अफसर बैठे हुए हैं, जिन्होंने अपनी बपौती जमा रखी है।
- भाजपा के वरिष्ठ नेता देवी सिंह भाटी ने भी अफसरशाही के हावी होने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि नेता और विधायक मुख्य सचिव के यहां लाइन लगाकर खड़े रहते हैं और ब्यूरोक्रेसी के हावी होने से नुकसान हुआ है।
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वित्त विभाग में विवाद:
गहलोत ने आरोप लगाया कि जिन अफसरों के खिलाफ भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए एसीबी जांच की मांग की थी, वही अफसर मौजूदा सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर बने हुए हैं। वित्त विभाग के एसीएस अखिल अरोड़ा का नाम भी इसमें शामिल है, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच अभी भी लंबित है।
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