शरद पुरोहित, जयपुर। भजनलाल सरकार ने बालिकाओं के जन्म पर खुशियां मनाने और उनकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ‘लाडो प्रोत्साहन’ योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत लड़कियों को जन्म से लेकर स्नातक तक की शिक्षा के लिए सात किश्तों में 1 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। यह योजना राज्य के सरकारी अस्पतालों में जन्म लेने वाली बालिकाओं और सरकारी स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए लागू की गई है।
राजश्री योजना का नाम बदलकर ‘लाडो प्रोत्साहन’ योजना
इससे पहले, कांग्रेस सरकार की ‘राजश्री’ योजना के तहत बेटियों के पालन-पोषण और शिक्षा के लिए 50,000 रुपये की सहायता दी जाती थी। भजनलाल सरकार ने इस योजना का नाम बदलकर ‘लाडो प्रोत्साहन’ कर दिया है और इसमें दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया है। हालांकि, इस योजना के तहत कुछ नियम और शर्तें जोड़ी गई हैं, जैसे कि बालिका की पढ़ाई सरकारी स्कूल में होनी चाहिए।
किश्तों में मिलेगी सहायता राशि
‘लाडो प्रोत्साहन’ योजना के तहत बालिका के जन्म से लेकर स्नातक पास होने तक सात किश्तों में राशि दी जाएगी। पहली किश्त बालिका के जन्म के समय, दूसरी किश्त टीकाकरण पूरा होने पर और शेष राशि बालिका की शिक्षा के विभिन्न चरणों में मिलेगी। यदि बालिका बीच में पढ़ाई छोड़ देती है, तो शेष राशि नहीं दी जाएगी।
320 करोड़ रुपये का सालाना खर्च
भजनलाल सरकार ने इस योजना के तहत सालाना 320 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है। इसके लिए महिला अधिकारिता विभाग द्वारा योजना का संचालन किया जाएगा। अब तक जिन बालिकाओं का रजिस्ट्रेशन हो चुका है, उन्हें सितंबर महीने से पहली किश्त दी जाएगी। सरकार का उद्देश्य बालिकाओं के जन्म पर खुशियां मनाने और उन्हें भविष्य में शिक्षा का बोझ नहीं बनने देने का है।
सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाई की शर्त
‘लाडो प्रोत्साहन’ योजना के तहत ज्यादातर सहायता राशि बालिका की सरकारी स्कूल और कॉलेज में पढ़ाई के दौरान दी जाएगी। इसके लिए बालिका के सभी कागजात विभाग में जमा करवाने होंगे। योजना का पूरा भुगतान ऑनलाइन होगा ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी का तुरंत पता लगाया जा सके।
योजना की समीक्षा
जिला स्तर पर हर तीन महीने में योजना की समीक्षा की जाएगी। कलेक्टर इस बात की निगरानी करेंगे कि योजना के लाभार्थियों को समय पर किश्तें मिल रही हैं या नहीं और शर्तों का पालन हो रहा है या नहीं।