पहलू खान मामले में आज एडीजी बीएल सोनी ने डीजीपी भूपेंद्र सिंह को एसआईटी की ओर से की गई जांच रिपोर्ट सौंप दी है. 1000 पन्नों के अतिरिक्त दस्तावेजों के साथ 80 पन्नों की जांच रिपोर्ट एसआईटी की ओर से तैयार की गई है, जिसमें राजस्थान पुलिस की मामले में पूर्व में घटिया जांच होना सामने आया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जांच रिपोर्ट में पूर्व में की गई जांच की खामियों की पहचान की गई है. जिसमें सीआईडी सीबी की ओर से की गई जांच भी शामिल है. जानकारी के अनुसार घटना वाले दिन अभियुक्तों के मोबाइल टावर की लोकेशन गौशाला के पास में आई थी.
एसआईटी ने जांच में पाया कि राजमार्ग और गौशाला से अपराध स्थल के बीच की दूरी लगभग 2 किलोमीटर थी. इतनी कम दूरी में भी निश्चित रूप से मोबाइल की लोकेशन बदल सकती है, यह तथ्य सीआईडी सीबी को पता होना चाहिए था. इसके बावजूद सीआईडी सीबी की ओर से सभी अभियुक्तों को क्लीन चिट दे दी गई. जांच में यह भी सामने आया कि महत्वपूर्ण वीडियो सबूतों को पेश करने में भी जांच अधिकारियों की कमी रही, महत्वपूर्ण वीडियो को कोर्ट में पेश नहीं किया गया.
एसआईटी की ओर से पोस्टमार्टम रिपोर्ट को भी संदेह जताया गया है. एसआईटी ने जांच रिपोर्ट में यह भी तथ्य दिया है कि पूर्व में चार स्तर पर मामलों की जांच हुई. लेकिन अभियुक्तों से कड़े तरीके से पूछताछ नहीं की गई और ना ही वीडियोग्राफी करवाई गई जो कि एक बड़ी कमी रही है. अधिकारियों को कहना है कि एसआईटी का मुख्य कार्य मामले को सही ढंग से सामने लाना है. जिससे की सरकार उच्च न्यायालय में छह व्यक्तियों को बरी करने को लेकर चुनौती दे सके.