राजस्थान में विधानसभा चुनाव प्रसार कल शाम बुधवार को आचार संहिता लगने के बाद थम गया। पिछले एक महीने से मुख्य पार्टियां लगातार अपनी पार्टी का प्रचार-प्रचार जोर-षोर से कर रही थी और इस दौरान कई रैलियां, सभाएं आदि हुई। इस दौरान कांग्रेस और भाजपा के नेता एक-दूसरे पर षब्दों के वार करते हुए नजर आए।
प्रचार के दौरान नेताओं ने एक-दूसरे के बारे में बहुत सी बातें कही और इसी बीच कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि आज अगर सरदार वल्लभभाई पटेल जिंदा होते तो जैसी मोदी और अमित शाह की हरकतें हैं और जिस तरह की भाषा बोल रहे हैं तो दोनों नेता जेल में चक्की पीस रहे होते।
गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार स्थानीय मुद्दों पर बिल्कुल बात नहीं हुई जबकि गोत्र, जाति, धर्म, भारत माता, फतवा जैसे मुद्दों पर हर पार्टी के हर नेता ने की। अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा शुरूआत से जानती थी कि इस बार सब उनके खिलाफ है और राजस्थान की जनता इस बार कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है। लिहाजा उसकी कोशिश ऐसे मुद्दे उठाने की थी।
इस दौरान जब उनसे मुख्यमंत्री को लेकर सवाल किया गया तो अशोक गहलोत ने इसका जवाब देते हुए कहा कि इसका फैसला कांग्रेस हाईकमान करेगा और हम उनके फैसले को मानने के लिए तैयार है। मैं कांग्रेस के सभी नेताओं से कहना चाहता हूं कि पद के लालच में नहीं पड़ें और पद की लालच के बिना ही कांग्रेस के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान जानबूझकर राहुल गांधी के धर्म और गोत्र जैसे मुद्दे उठाए गए।