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‘काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती…’, SC-ST आरक्षण को लेकर बोले अर्जुनराम मेघवाल; विपक्ष पर भ्रम फैलाने का लगाया आरोप

चौक टीम, जयपुर। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लैटरल भर्ती को लेकर विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। जयपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह यूपीएससी की आईपीएस और IAS रिजर्वेशन भर्ती प्रक्रिया से यह एकदम अलग है और कांटेक्ट बेस्ड पोस्ट है। अग्निवीर, नीट की तरह इस पर भी विपक्ष झूठा आरोप लगा रहा है। लेकिन काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।

SC-ST आरक्षण को लेकर

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लैटरल भर्ती नेहरू जी के जमाने से चली आ रही थी। जिसे इंदिरा जी, राजीव गांधी और मनमोहन सिंह जी ने भी जारी रखा। हम पूछते हैं कि मनमोहन सिंह जी को सीधा वित्त सचिव बनाया गया, इसी तरह मांटेके सिंह आहलूवालिया को योजना आयोग का सीधे उपाध्यक्ष बना दिया गया, विमल जालान को भी इसी तरह नियुक्ति दी गई। ये सब जताता है कि वे चाहे जिसे पद दे देते थे।

SC-ST आरक्षण को लेकर क्या कहा?

आरक्षण के कैटिगराइजेशन को लेकर मचे बवाल पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बोले यह तो काफी पहले से था कि बाल्मीकि समाज को शेड्यूल कास्ट में 50 फ़ीसदी आरक्षण मिलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दो तथ्य दिए हैं एक तो ऑब्जरवेशन है दूसरा फैसला है।

ऑब्जर्वेशन में ही क्रीमी लेयर की बात कही गई है जबकि फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सब-कैटिगराइजेशन को राज्यों का हक बताते हुए कहा कि ऐसा करने से पहले उसे पूरा डाटा भी तैयार करना पड़ेगा। साथी ही यदि राज्य किसी नाई जाति को आरक्षण कैटेगरी में शामिल करती है तो उसे पूरा आरक्षण नहीं दिया जा सकेगा यह भी तय है।