प्रदेश के सरकारी स्कूलों में इस इसी महीने वार्षिकोत्सव व पुरस्कार वितरण आयोजित होने जा रहे हैं. वार्षिकोत्सव और पुरस्कार वितरण समारोह को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से निर्देश जारी कर दिए गए हैं. निर्देशों के अनुसार राज्य के प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा के चिन्हित विद्यालयों, चयनित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल विद्यालयों और संस्कृत विद्यालयों में 6 जनवरी से 28 जनवरी के बीच में वार्षिकोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित करवाए जाने हैं
शिक्षा विभाग की ओर से बजट में की गई भारी कटौती
6 जनवरी से 28 जनवरी के बीच जहां वार्षिक उत्सव और पुरस्कार समारोह आयोजित करवाने के निर्देश जहां शिक्षा विभाग की ओर से जारी कर दिए गए हैं. तो वहीं दूसरी ओर स्कूलों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो चुकी है. जिसकी वजह है वार्षिक उत्सव और पुरस्कार समारोह को लेकर जो बजट मिलता था उसमें भारी कटौती. माध्यमिक स्कूलों के बजट में जहां 5 हजार की कमी कर दी गई है तो वहीं प्रारंभिक स्कूलों के बजट में 2 हजार रुपये की कमी कर दी गई है. माध्यमिक शिक्षकों को पहले जहां 10 हजार रुपये का बजट दिया जाता था तो वहीं अब इन स्कूलों को 5 हजार रुपये का बजट मिलेगा तो वहीं प्रारंभिक स्तर की स्कूलों को 5 हजार की जगह 3 हजार रुपये का बजट दिया जाएगा.
प्रदेश की करीब 64 हजार स्कूलों के सामने खड़ी हुई समस्या
शिक्षा विभाग की ओर से जहां वार्षिक उत्सव और पुरस्कार वितरण समारोह की तिथि जारी कर दी गई है. तो वहीं घटाया हुआ बजट अब स्कूलों के सामने समस्या बन गया है. प्रदेश के करीब 64 हजार स्कूलों के सामने कार्यक्रम आयोजित करवाने का संकट खड़ा हो गया है. कार्यक्रमों का आयोजन किस तरह से किया जाए इसको लेकर संस्था प्रधान असमंजस की स्थिति में है.
संस्था प्रधानों को जेब से खर्च करनी पड़ सकती राशि
बजट में कटौती के बाद अब संस्था प्रधानों के सामने समस्या खड़ी हो गई है की वो अपनी जेब से खर्च करके कार्यक्रमों का आयोजन करवाया जाए. वार्षिक उत्सव और पुरस्कार वितरण कार्यक्रम की अगर बात की जाए तो टेंट,बैनर,माइक व स्पीकर के साथ ही पूर्व व वर्तमान मेधावी विद्यार्थियों व भामाशाहों को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया जाता है.