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जयपुर में स्कूल में नमाज पढ़ाने का लगा आरोप, MLA बालमुकुंदाचार्य ने उठाई बैन की मांग…क्या है हिजाब विवाद की पूरी कहानी?

राजधानी जयपुर में उठा हिजाब विवाद थामने का नाम नहीं ले रहा है। पहले 29 जनवरी के दिन गंगापोल राजकीय कन्या विद्यालय में पढ़ने वाली समुदाय विशेष की स्कूली छात्राओं ने सुभाष चौक में प्रदर्शन किया।

चौक टीम, जयपुर। राजधानी जयपुर में उठा हिजाब विवाद थामने का नाम नहीं ले रहा है। पहले 29 जनवरी के दिन गंगापोल राजकीय कन्या विद्यालय में पढ़ने वाली समुदाय विशेष की स्कूली छात्राओं ने सुभाष चौक में प्रदर्शन किया और भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य पर हिजाब बैन करने की मांग को लेकर आरोप लगाए। वहीं, अब 30 जनवरी के दिन स्कूल में पढ़ने वाली हिंदू छात्राओं ने भी पलटवार शुरू कर दिया है।

शुक्रवार को नमाज़ पढ़ाए जाने वाले आरोप में कितनी सच्चाई?

दरअसल, स्कूल की हिंदू छात्राओं का आरोप है कि स्कूल में शुक्रवार के दिन नमाज़ पढाई जाती है। वहीं, जब राजस्थान चौक ने इस बात को लेकर पड़ताल की तो सामने आया की शुक्रवार के दिन नमाज़ नहीं पढ़ाई जाती है बल्कि “लब पर आती है दुआ” गीत पढ़ाया जाता है। हालांकि बाकी 5 दिन स्कूल में निर्धारित प्रार्थना ही होती है जिसको लेकर छात्राओं ने एक दूसरे पर आरोप लगाए।

कैसे उपजा पूरा हिजाब विवाद?

गौरतलब है की स्कूल के वार्षिकोत्सव में भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य पहुंचे थे जहां उन्होंने हिजाब और बुर्का पहन कर आई मुस्लिम छात्राओं की वेशभूषा पर सवाल उठाए थे। आचार्य ने कहा था की जब स्कूल की निर्धारित यूनिफॉर्म है तो फिर हिजाब पहन कर आने की क्या जरूरत है। इसी के बाद पूरे विवाद ने तूल पकड़ा और सुभाष चौक पर छात्राओं ने धरना दिया।

बालमुकुंदाचार्य ने दी ये सफाई

वहीं, इस विवाद के बाद विधायक बालमुकुंदाचार्य ने कहा कि स्कूल में प्रिंसिपल से पूछा था कि यहां दो ड्रेस पहनने का प्रावधान है। तब उन्होंने कहा कि मानते ही नहीं हैं। छोटी बच्चियां हिजाब व बुर्कें में थी। स्कूल में सभी के लिए नियम एक होने चाहिए। हमारी बच्चियां भी अलग-अलग ड्रेस लहंगा, चुन्नी पहनकर आएंगी। बच्चों को बस गाइड करने की जरूरत है। स्कूल में एक ड्रेस कोड है तो उसकी पालना हो। बिना बात राजनीति की जा रही है। जय श्री राम के जयकारे नहीं लगवाए बल्कि भारत माता की जय बोलने का आह्वान किया था।

विवाद से बिगड़ रहा स्कूल का माहौल

जब राजस्थान चौक की टीम स्कूल में पड़ताल के लिए पहुंची तो ये भी देखने मिला की कैसे शिक्षा के मंदिर का माहौल दूषित हो रहा है। हिजाब विवाद उपजने से अलग – अलग समाज की स्कूली छात्राएं आमने सामने आ है हैं और एक दूसरे पर आरोप गढ़ रही हैं। स्कूली छात्राओं का इस प्रकार का आपसी विवाद अच्छे संकेत नहीं देता है।

शिक्षा मंत्री ने रिपोर्ट की तलब

सूत्रों के हवाले से खबर है कि ‘हिजाब प्रकरण’ उठने के बाद सूबे के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर भी एक्शन मोड पर आ गए हैं। उन्होंने अपने विभाग से दूसरे राज्यों में हिजाब बैन के स्टेटस और राजस्थान में इसके प्रभावों को लेकर रिपोर्ट तलब कर ली है। मंत्री के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग पर उच्च स्तर पर अफसर अब हिजाब बैन मामले में रिपोर्ट तैयार करने में जुट गए हैं।

गौरतलब है कि भजनलाल शर्मा सरकार के हालिया शिक्षा मंत्री मदन दिलावर शैक्षणिक संस्थाओं में हिजाब बैन की पैरवी खुद कई बार कर चुके हैं। मंत्री बनने से पूर्व दिए अपने बयानों में दिलावर अपनी प्रतिक्रिया में कह चुके हैं कि धार्मिक पोशाक पहनकर स्कूल और कॉलेज में जाना सही नहीं है। स्कूल और कॉलेज में जो ड्रेस कोड हों, सभी छात्रों को वही पहनकर जाना चाहिए। देश में षड्यंत्र पैदा करने के लिए इस तरह की कोशिश की जा रही है।

शिक्षा का मंदिर है स्कूल- जवाहर सिंह बेढम

वहीं जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि स्कूल शिक्षा का मंदिर है। शिक्षा के मंदिर में विद्यार्थी ड्रेस कोड में आएं तो वह अनुशासन सीखेंगे और गुरुजनों का आदर करेंगे। उन्होंने कहा कि ड्रेस कोड लागू होना चाहिए। कल को कोई थानेदार तहमत (लूंगी) बांधकर जनता के बीच में चला जाए तो कोई यह कहेगा कि इसमें क्या बुराई है? थानेदार काम तो कर ही रहा है, यह गलत है।

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