चौक टीम, जयपुर। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य विधानसभा में मंगलवार को बहुप्रतिक्षित समान नागरिक संहिता विधेयक पेश किया। इस विधेयक में बहुविवाह और हलाला जैसी प्रथाओं को आपराधिक कृत्य बनाने और लिव इन में रह रहे जोड़ों के बच्चों को जैविक बच्चों की तरह उत्तराधिकार दिए जाने का प्रावधान है। इसी बीच राजस्थान के कैबिनेट मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा है कि हम भी यूसीसी को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं और तैयारी भी शुरू हो गई है।
‘सूबे में समान नागरिक संहिता लागू करने की तैयारी’
दरअसल, राजस्थान की भजनलाल सरकार के कैबिनेट मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि सूबे में समान नागरिक संहिता लागू करने की तैयारी की जा रही है और इस बारे में चर्चा होनी है। उन्होनें पिछले कुछ दिनों से सूबे में हिजाब पर जारी विवाद पर भी बयान दिया। उन्होंने यूसीसी को लाने के लिए उत्तराखंड की सरकार को बधाई भी दी। गौरतलब है कि 8 फरवरी से विधानसभा फिर से शुरू हो रही है। ऐसे में यूसीसी का मुद्दा सियासी रूप से भी अहम है।
कानून तो एक ही चलेगा, 2 कानून नहीं चल सकते– मंत्री
राजस्थान के कैबिनेट मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला पहले राज्य बना है और इसके लिए हम भी समान नागरिक संहिता को लागू करने की तैयारी कर रहे हैं। कानून तो एक ही चलेगा, 2 कानून नहीं चल सकते। हिंदुस्तान में समान नागरिक संहिता लसागू करने के लिए चर्चा करने जा रहे हैं। वहीं हिजाब पर बोलते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि हर जगह ड्रेस कोड चल रहा है ऐसे में हिजाब हटना चाहिए।
राजस्थान में भी ऐसे बिल की आवश्यकता- बाबा
वहीं, उत्तराखंड में आज UCC बिल पेश होने के बाद कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, राजस्थान में भी ऐसे बिल की बेहद आवश्यकता है और वे इस विषय में राज्य के मुख्यमंत्री से भी वार्ता करेंगे, वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए एक देश एक कानून की आवश्यकता है। आपने देखा होगा हाल ही में जयपुर में हिजाब पहनने को लेकर स्कूल में विवाद हुआ, ऐसे में UCC बहुत आवश्यक है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने मंगलवार को बहुप्रतीक्षित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का विधेयक पेश कर दिया। इस विधेयक में लिव इन रिलेशनशिप में रहने को लेकर कई सारे बदलाव किए गए गए हैं। लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। बगैर वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराए कपल साथ में नहीं रह पाएंगे। रजिस्ट्रेशन न कराने पर कपल को छह महीने की जेल हो सकती है। साथ ही 25 हजार का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड?
मालूम हो कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों (हर धर्म, जाति, लिंग के लोग) के लिए एक ही कानून का होना है। जहां अगर किसी राज्य में सिविल कोड लागू होता है तो विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे हर मामलों पर एक जैसे कानून से फैसला होगा। दरअसल संविधान में गोवा को विशेष राज्य का दर्जा है जहां संसद ने कानून बनाकर गोवा को पुर्तगाली सिविल कोड लागू करने का अधिकार दिया था जिसके बाद गोवा एकमात्र ऐसा राज्य है जहां सिविल लोड लागू है। अब दूसरा राज्य उत्तराखंड बन गया है।