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टोंक में बनास नदी में बजरी परिवहन पर प्रशासन ने लगाई रोक, लाखों टन अवैध स्टॉक मिलने के बाद हुई कार्रवाई; जानिए पूरा मामला

बनास नदी में बजरी के भंडारण से हो रहे परिवहन पर बुधवार को राज्य सरकार ने रोक लगा दी। ऐसे में बनास नदी में किए गए भंडारण से बजरी भरकर निकले वाहनों को वापस बुलाया और बजरी खाली कराई गई।

चौक टीम, जयपुर। टोंक के बनास नदी में अवैध बजरी खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इतनी मात्रा में अवैध बजरी खनन हो रहा है कि बनास भी खाइयों में तब्दील होती जा रही है। ऐसे में प्रशासन का एक एक्शन सामने आया है। बजरी से भरे कई ट्रकों को खाली कराया गया है। वहीं प्रशासन ने नदी में बजरी परिवहन पर रोक लगा दी है।

बजरी के भंडारण से हो रहे परिवहन पर लगी रोक

दरअसल, बनास नदी में बजरी के भंडारण से हो रहे परिवहन पर बुधवार को राज्य सरकार ने रोक लगा दी। ऐसे में बनास नदी में किए गए भंडारण से बजरी भरकर निकले वाहनों को वापस बुलाया और बजरी खाली कराई गई। अब सरकार के अग्रिम आदेश तक बनास नदी से बजरी का परिवहन नहीं होगा। इसके आदेश राजस्थान राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट जयपुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एनपी सिंह ने जारी किए हैं।

जिला प्रशासन के मुताबिक खान एवं पेट्रोलियम के शासन सचिव की अध्यक्षता में गत 20 जनवरी को बैठक हुई थी। इसमें टोंक तहसील के पालडा, सईदाबाद, प्रथम व द्वितीय मंडावर, पीपलू तहसील के डोडवाडी, मूंडिया में खनिज बजरी के स्टॉक (भण्डारण) का ड्रोन, डीजीपीएस सर्वे किया। ड्रोन, डीजीपीएस सर्वे तथा सहायक खनिज अभियंता टोंक के अभिलेख अनुसार खनिज बजरी का स्टॉक भण्डारण खनन किए गए खनिज बजरी से अधिक पाया, जो अवैध खनन किया जाकर भण्डारण किया है। आदेश के बाद खनिज विभाग ने बुधवार को बजरी परिवहन के लिए जारी किए जाने वाले रवन्ना निरस्त कर दिया है।

सर्वे में इतनी बजरी का माना अंतर

सर्वे में कुल 16 लाख 18 हजार 724 टन बजरी का अंतर स्टॉक से अधिक पाया गया है। विभाग के अनुसार पालड़ा में 370113.09, डोडवाडी में 136019.34, मूंडिया द्वितीय में 177605.02, मूंडिया प्रथम में 149277.14, सईदाबाद में 336190.07 तथा मंडावर में 449519.36 का अंतर पाया गया। भंडारण की निगरानी के लिए सीसीटीवी के साथ ही उपखण्ड अधिकारी के नेतृत्व में कार्मिकों की तैनाती की गई है।

स्टॉक धारक के प्रतिनिधी ने दी ये सफाई

टोंक जिले के स्टॉक धारक के प्रतिनिधी द्वारा अवगत कराया गया है कि जिला टोंक में 3 बजरी स्टॉक याडों (1-मण्डावर, 2-डोडवाडी, उ-मुण्डिया) से नियमानुसार ट्रांजिट पास जारी कर बजरी की बिक्री की जा रही थी, जिनके अक्षांतर देशांतर की लोकेशन सम्बन्धित सहायक खनिज अभियन्ता कार्यालय द्वारा एवं डी.एम.जी.ओ.एम.एस. खान विभाग, उदयपुर से सत्यापन कराया हुआ है एवं राजस्व विभाग द्वारा ऑनलाईन पंजीयन करवाकर नियमानुसार राजस्व जमा करवाया गया। स्टॉक यार्डों की एस.एस.ओ.आई.डी. में ऑनलाईन खनिज बजरी की मात्रा दिनांक 01.02.2024 को है, उतना ही स्टॉक यार्डों पर मौके पर फिजीकल स्टॉक मौजूद है।

सहायक खनि अभियन्ता, टोंक द्वारा दिनांक 31 जनवरी 2024 की रात लगभग 12 बजे पर नोटिस ई-मेल द्वारा भेजकर ट्रांजिट पास बन्द कर दिये गये हैं। नोटिस में स्टॉक यार्डों पर ड्रॉन एवं डी.जी.पी.एस. सर्वे का हवाला देकर फिजीकल में अधिक स्टॉक होना बताया गया। जांच के दौरान न तो स्टॉक धारक को सूचना दी गई और न ही मुझ प्रतिनिधी को सूचित कर मौके पर बुलाया गया।

हमारे द्वारा जो स्टॉक किया गया है वह तुलायंत्र पर तौलकर टनों के अनुसार किया गया है एवं खनिज विभाग को भी रॉयल्टी टनों के अनुसार देनी होती है, जो कि हमारे द्वारा नियमानुसार विभाग को अदा की गई।

सहायक खनि अभियन्ता, टोंक द्वारा ड्रॉन सर्वे कम्पनी के आंकडों को प्रति घन मीटर 1.40 के स्थान पर 2.40 टन प्रति घन मीटर में मानते हुये किया गया है। महोदय, जिला टोंक की बनास नदी में खनिज बजरी का घनत्व 1 घन मीटर में 1.40 टन से 1.50 टन के मध्य होता है, जबकि नोटिस जारीकर्ता अधिकारी द्वारा 1 घन मीटर में 2.40 टन होना बताया है। जबकि विभाग द्वारा खनन अनुमोदित योजना में भी 1 घन मीटर में 16 टन मानी गई है। इसके साथ ही बताना चाहूंगा कि 1 घन मीटर में 35 फीट होते है और टोंक की बजरी 1 फीट में 40-41 किलो आती है इस प्रकार 1 घन मीटर में 1435 किलो (35×41) एवं विभाग ने 1 घन मीटर में 2400 किलो माना गया है। अतः जांच में उक्त गणना अतथ्यात्मक एवं गलत की गई है।

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