राजस्थान का भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रिश्वत लेने वालों की प्राइवेसी का भी ध्यान रखेगा। महानिदेशक कार्यालय एसीबी की ओर से जारी नए आदेशों के तहत ट्रैपशुदा आरोपी और संदिग्धों का नाम और फोटो सार्वजनिक नहीं करने का निर्देश जारी हुआ है।
आरोपी की पहचान रहेगी गोपनीय
अतिरिक्त महानिदेशक प्रथम के हस्ताक्षर से जारी आदेश के तहत सभी एसीबी के चौकी प्रभारी और यूनिट प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि आरोपियों का नाम और फोटो सार्वजनिक नहीं किया जाए। एसीबी के आदेश में कहा गया है कि ब्यूरो टीमों की ओर से की गई ट्रैप कार्रवाई के बाद जब तक प्रकरण या आरोपी का न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध नहीं हो जाता तब तक आरोपी के नाम और फोटो मीडिया और अन्य किसी व्यक्ति विभाग में सार्वजनिक तौर पर वायरल नहीं करें।
विभाग और आरोपी का पदनाम होगा जारी
एसीबी के आदेशों के तहत आरोपी जिस विभाग में कार्यरत है उसका नाम व आरोपी का पदनाम की सूचना मीडिया में सार्वजनिक की जाएगी। ब्यूरो की अभिरक्षा में जो भी संदिग्ध आरोपी है, उनकी सुरक्षा और मानव अधिकार की रक्षा की पूरी जिम्मेदारी ट्रैपकर्ता अधिकारी और अनुसंधान अधिकारी की होगी। एसीबी राजस्थान की ओर से जारी आदेशों की तुरंत प्रभाव से पालना करनी होगी। एसीबी के इस आदेश की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। यह उस वक्त है जब राजस्थान एसीबी ने बीते कुछ वर्षों में बड़े अधिकारियों को ट्रैप कर उनकी रिश्वतखोरी में भूमिका को उजागर किया है।