साल 2018 में जब विधानसभा चुनाव होने थे. उस समय भाजपा सरकार ने तृतीय श्रेणी अध्यापकों को तबादलों की सौगात दी. उस समय भाजपा सरकार की ओर से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के बम्बर तबादले किए गए. लेकिन उसके बाद करीब साढ़े साल साल से प्रदेश के करीब ढाई लाख तृतीय श्रेणी शिक्षक आज तक तबादलों का इंतजार कर रहे हैं. शिक्षा विभाग में हर वर्ग के बम्पर तबादले होने के बाद से ही तृतीय श्रेणी शिक्षक भी लगातार तबादलों की मांग करते नजर आए. तबादलों की मांग को लेकर दर्जनों आंदोलन राजस्थान की धरती पर पिछले साढ़े साल साल में देखने को मिले. लेकिन हर बार इन शिक्षकों को सिर्फ आश्वासन ही मिला.
अगस्त 2021 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों से मांगे तबादला आवेदन
2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी तो शिक्षकों को उम्मीद थी की डार्क जोन में कई दशकों से लगे शिक्षकों को तबादलों की सौगात मिलेगी. तो वहीं भाजपा सरकार के दौरान हुए तबादलों में अनदेखी का शिकार हुए तृतीय श्रेणी शिक्षक भी कांग्रेस सरकार से तबादलों को लेकर आस लगाए बैठे थे. सरकार बनने के करीब तीन साल के बाद इन तृतीय श्रेणी शिक्षकों की सुध सरकार ने लेते हुए तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों के लिए सरकार की ओर से आवेदन मांगे गए. शिक्षा विभाग की ओर से अगस्त 2021 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों से तबादलों के लिए आवेदन मांगे. प्रदेश के करीब 85 हजार से ज्यादा तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने तबादलों की आस में तबादला आवेदन किए. लेकिन करीब एक साल 3 महीनों का समय बीत जाने के बाद भी आज तक शिक्षकों को तबादला सूची जारी होने का इंतजार है.
तबादलों की मांग को लेकर दर्जनों बार हो चुके आंदोलन
शिक्षा विभाग की अगर बात की जाए तो पिछले 4 सालों में शिक्षा विभाग में बम्पर तबादला सूची सामने आई. यहां तक की पिछले दिनों ही शिक्षा विभाग की ओर से करीब 30 हजार से ज्यादा फर्स्ट ग्रेड,सैकेंड ग्रेड सहित अन्य वर्गों में तबादले किए गए. लेकिन तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों का कॉलम यहां भी खाली ही रहा. तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों की मांग को लेकर प्रदेश के विभिन्न शिक्षक संगठनों द्वारा समय समय पर राजस्थान में कई बड़े आंदोलन तक किए गए. तृतीय श्रेणी शिक्षक नेता हरपाल दादरवाल द्वारा शहीद स्मारक पर आमरण अनशन तक किया गया. लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा.
शिक्षा मंत्री का तबादला नीति का रटा रटाया जवाब
प्रदेश सरकार में पहले शिक्षा मंत्री रहे गोविंद सिंह डोटासरा ने जहां तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों को सरकार के स्तर पर करने की बात 3 साल तक दोहराई तो वहीं मंत्री मंडल फेरबदल में शिक्षा मंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने वाले शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला पिछले एक साल से तबादला नीति के बाद ही तबादले करने का रटा रटाया जवाब दोहरा रहे हैं. इसके साथ ही पिछले दिनों शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने साफ कर दिया है कि जब तक तबादला नीति को सरकार की हरी झंडी नहीं मिल जाती है तब तक तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं किए जाएंगे.
विधानसभा चुनाव में ब्रह्मस्त्र बन सकते तबादले
जानकार सूत्रों की अगर माने तो कांग्रेस सरकार द्वारा तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों को विधानसभा चुनाव के लिए बचाकर रखा जा रहा है. विधानसभा चुनाव से पहले सरकार की ओर से तृतीय श्रेणी शिक्षकों को तबादलों की बड़ी सौगात दी जा सकती है. हालांकि अगस्त 2021 में जो आवेदन हुए थे उनको निरस्त करते हुए नये सिरे से तबादला आवेदन लिए जाने पर भी शिक्षा विभाग विचार कर रहा है.
जल्द तबादला नहीं होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी
तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं होने से अब प्रदेश के लाखों शिक्षकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. प्रदेशभर से शिक्षक संगठनों द्वारा एकजुट होकर अब आंदोलन की रणनीति तैयार की जा रही है. साथ ही जनवरी में होने वाले बजट सत्र के दौरान एक बड़े आंदोलन की रणनीति भी तैयार की जा रही है