प्रदेश में 748 कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित,किसानों को सस्ते किराए पर मिल रहे कृषि उपकरण

जयपुर। अच्छी खेती बाड़ी और बागवानी के लिए उन्नत बीज, खाद और सिंचाई के साथ-साथ आधुनिक कृषि यंत्रों का भी महत्त्वपूर्ण योगदान है। खेती में यंत्रीकरण से उत्पादन एवं उत्पादकता दोनों में बढ़ोतरी होती है, लेकिन आर्थिक स्थिति सुदृढ़ नही होने के कारण लघु एवं सीमांत कृषकों के लिए उन्नत एवं महंगे कृषि उपकरण क्रय कर पाना संभव नहीं हो पाता है। इन्ही किसानों को लाभान्वित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा क्रय विक्रय सहकारी समितियों (के.वी.एस.एस), ग्राम सेवा सहकारी समितियों (जी.एस.एस.) और कृषक उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.) के माध्यम से कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित किये जा रहे हैं।

कस्टम हायरिंग केन्द्रों को कृषि विभाग द्वारा प्रदत्त अनुदान के माध्यम से सहकारिता विभाग द्वारा कृषि यंत्रों की खरीद के लिए 8 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है। इन केंद्रों पर ट्रैक्टर, थ्रेशर, रोटावेटर, रीपर, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल जैसे उन्नत कृषि यंत्रों की खरीद की जाती है। किसान केन्द्रों से जरूरत के कृषि यंत्रों को किराये पर लेते हैं तथा खेती में इस्तेमाल करते हैं। इस सुविधा से किसानों पर आर्थिक भार नहीं पड़ता। उन्नत तकनीकों को काम में लेकर उनके लिए कृषि का काम आसान हो जाता है और फसल के उत्पादन में वृद्धि होने के कारण उनकी आय में भी इजाफा होता है। इन केन्द्रों के माध्यम से लघु एवं सीमांत कृषकों को कम दर पर कृषि यंत्र किराए पर मिल रहे हैं साथ ही सहकारी समितियां भी मजबूत हो रही हैं।

गत 4 वर्षों में 748 कस्टम हायरिंग केंद्र किए स्थापित

कृषि आयुक्त कानाराम ने बताया कि सबमिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजना के तहत किसानों को कम दर पर उन्नत कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने के लिए गत 4 वर्षों में 43 करोड़ 11 लाख रुपये की लागत से 748 कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित किए गए हैं।कानाराम ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा 2022-23 में राजस्थान कृषि तकनीक मिशन के तहत आगामी 2 वर्षों में जी.एस.एस. एवं के.वी.एस.एस के माध्यम से 1500 कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने के लिए 150 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है। जिसमें से मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 600 कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि लक्ष्य के अनुरूप अब तक 500 हायरिंग केंद्र स्थापित करने की चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना पर 80 प्रतिशत की वित्तीय सहायता

कृषि आयुक्त ने बताया कि मिशन के तहत राज्य सरकार द्वारा क्रय विक्रय सहकारी समितियों (के.वी.एस.एस) और ग्राम सेवा सहकारी समितियों (जी.एस.एस.) को 10 लाख रुपये की लागत से कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना के लिए ट्रैक्टर मय कृषि यंत्रों के क्रय पर लागत का 80 प्रतिशत ( अधिकतम 8 लाख रुपये) की वित्तीय सहायता दी जा रही है। जयपुर जिले में ग्राम सेवा सहकारी समिति धानक्या के व्यवस्थापक वासुदेव शर्मा ने बताया की जनवरी 2022 में कस्टम हायरिंग केंद्र के लिए राज्य सरकार द्वारा ट्रैक्टर, रोटावेटर, हैरो, पलाऊ, थ्रेशर जैसे उपकरण के क्रय पर समिति को 8 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी गयी है। उन्होंने बताया कि कस्टम हायरिंग केंद्र के माध्यम से अब तक 370 किसानों को कम दर पर उपकरणों को किराये पर देकर लाभान्वित किया गया है।

इसी प्रकार जयपुर जिले में ही ग्राम सेवा सहकारी समिति कालवाड़ के व्यवस्थापक मोहन लाल सैनी से बताया कि जनवरी 2022 में कस्टम हायरिंग केंद्र के लिए राज्य सरकार द्वारा ट्रैक्टर व अन्य कृषि यंत्रों की खरीद के लिए 8 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी गयी है। उन्होंने बताया कि कस्टम हायरिंग केंद्र के माध्यम से अब तक 97 किसानों को कम दर पर उपकरणों को किराये पर देकर लाभान्वित किया गया है।

कस्टम हायरिंग केंद्र से किसान हो रहे लाभान्वित

जयपुर जिले के ग्राम धानक्या के निवासी बाबूलाल जाट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कस्टम हायरिंग केंद्र से उन्होंने फसल निकालने के लिए थ्रेशर किराये पर लिया था, जो उन्हें 900 रुपये प्रति घंटे की दर से किराए पर दिया गया। उन्होंने बताया कि बाजार में निजि थ्रेशर 1300 रुपये प्रति घंटे की दर से किराया ले रहे हैं। इसी प्रकार जयपुर जिले के ग्राम कालवाड़ के निवासी स्वरूप कुमार ने बताया कि वे खेत मे जुताई, बुवाई और फसल कटाई के लिए कस्टम हायरिंग केंद्र से ही कृषि यंत्र किराए पर लेते हैं, जो कि बाजार दर से कम किराये पर उपलब्ध है। बाबूलाल किसानों को दी गई इस सुविधा के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करते हैं।

Related articles

Comments

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

follow on google news

spot_img

Share article

spot_img

Latest articles

Newsletter

Subscribe to stay updated.