राजस्थान की राजधानी जयपुर के माणक चौक थाना पुलिस ने जाली नोटों की सूचना पर कार्रवाई को अंजाम दिया और इलाके से चार करोड़ 77 लाख रुपए के फर्जी जाली नोट यानि कि मनोरंजन नोट बरामद किए. पुलिस ने मौके से दो शातिर बदमाशों को भी गिरफ्तार किया है. बदमाशों के कब्जे से नकली पिस्टल ,एटीएम ,सहकारिता समिति के पट्टे ,फर्जी सील सहित हथियार बरामद किए गए हैं.
माणक चौक थाना पुलिस को सूचना मिली कि सिटी पैलेस के बाहर नकली नोटों की खेप के साथ कुछ बदमाश सौदा करने के लिए आए हैं. सूचना के आधार पर माणक चौक पुलिस ने तत्काल एक टीम का गठन किया और जलेब चौक पहुंची, जहां पर दो संदिग्ध व्यक्ति हाथ में बैग लेकर खड़े थे. पुलिस ने संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की तो वह जवाब नहीं दे पाए. जिसके आधार पर पुलिस ने उनकी तलाशी ली तो उनके पास मौजूद बैग में नोटों की खेप बरामद हुई. साथ ही आरोपियों के पास से हथियार भी बरामद हुए. पुलिस ने जांच की तो चार करोड़ और 77 लाख रुपय के मनोरंजन नकली नोट होना सामने आया. जो कि जाली नोट की एवज में आरोपी बेचने के लिए आये थे। पूछताछ में सामने आया कि बदमाश एक अनोखे तरीके से वारदात को अंजाम दिया करते थे. बदमाश अपने पुराने अपराधों की अखबारों में छपी की कटिंग को अपने पास रखते और लोगों को दिखा कर ग्राहकों को फसाया करते थे. और उन्हें कम राशि में नकली नोट देने का झांसा देते. पुलिस ने बताया कि आरोपी लोगों को जाली नोट बेचने का सौदा किया करते थे. असली नोट लेकर ज्यादा राशी के जाली नोट देने का सौदा तय होता था. लेकिन खरीदने वाले अपराधियों के साथ भी धोखाधड़ी किया करते थे. उन्हे जाली नोट की जगह मनोरंजन बैंक के नाम से तैयार किये गये फर्जी नोट दे देते थे.
पुलिस ने आरोपी खेमचंद बलाई और राजेश को गिरफ्तार कर लिया. जिनसे पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए गिरफ्तार. आरोपी खेमचंद वर्ष 2005 में भी हत्या के मामले में आमेर में गिरफ्तार हो चुका है. 2010 में ब्रह्मपुरी पुलिस ने खेमचंद को जाली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था जिसके तार बंगाल के दो अभियुक्तों सहित 19 लोगों से जुड़े हुए थे. जिन को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. साल 2016 में जाली नोटों के साथ आरोपी को गिरफ्तार किया गया था. ये बदमाश जब सौदेबाजी करते समय जाली नोट की जगह ग्राहकों को गुमराह करके मनोरंजन बैंक के नाम से फर्जी नोट दिया करते थे तब अगर ग्राहक को किसी तरह का संदेह हो जाता, तो अपने पास बदमाश नकली हथियार भी रखा करते थे, जिनसे डरा धमका कर उनसे असली रुपए लूटकर उन्हें वहां से भगा देते. पुलिस की पूछताछ में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने चंदवाजी में भी एटीएम की लूट की वारदात को अंजाम दिया था.
पुलिस की जांच में सामने आया कि जमीनों के नाम पर भी यह बदमाश धोखाधड़ी किया करते थे. कई गृह निर्माण सहकारी समितियों के नाम से यह लोगों को आवंटन पत्र दे देते थे. बदमाशों के पास में सहकारी समितियों की 11 मुहावरे और कई दस्तावेज और एटीएम कार्ड भी मिले हैं जिनके आधार पर पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है.