महेश बोहरा, दौसा। दौसा ज़िले में एक गरीब किसान पर उस समय दुखों का पहाड़ टूट पड़ा जब उसकी 20 बकरियों ने दम तोड़ दिया. जिसके बाद किसान परिवार का रो-रो कर बुरा हाल हो गया. वहीं सूचना पर पहुंचे पशु चिकित्सकों ने घायल बकरियों का उपचार करने का प्रयास किया, लेकिन उनके प्रयास भी विफ़ल रहे .
दरअसल लालसोट क्षेत्र के श्यामपुरा कला ग्राम पंचायत के उदयपुरिया गांव में शनिवार शाम को सोराम मीणा जो कि कृषि कार्य और बकरी पालन करके अपना जीवन यापन किया करते थे. उनपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बता दे की सोराम मीणा ने खीरे की खेती में दवाई देने के लिए यूरिया खाद पानी में मिलाकर घर में रखा हुआ था. और वे निजी निजी काम से बाहर चले गए थे.
किसान की पत्नी नाथी देवी जिन्हें आंखों से कम दिखाई देता है वे घर पर ही मौजूद थी. उन्होंने यूरिया खाद को छाछ का पानी समझ कर बकरियों को पिला दिया. जिसके थोड़ी देर बाद ही अचानक से बकरियां ज़मीन पर गिरकर जोर-जोर से चिल्लाने लगी. मौके पर पशु चिकित्सक डॉ रमेश मीणा को फोन कर बुलाया गया. उन्होंने सभी घायल बकरियों का उपचार करके बचाने का काफी प्रयास किया लेकिन तब तक जहर पूरी तरह से उनके शरीर में फैल चुका था. देखते ही देखते तड़प तड़प कर एक-एक करके 20 बकरियां ने दम तोड़ दिया. बता दे की प्रत्येक बकरी की कीमत क़रीबन 20 हजार बताई जा रही है.
वहीं गत वर्ष भी इस गरीब परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया था जब इनके 10 बीघा गेहूं के खेत में बिजली के शॉर्ट सर्किट होने से गेहूं की खेती जलकर राख हो गई थी. वहीं मौके पर पहुंचे जिला अध्यक्ष सुखराम मीणा ने पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया और कहा की पशुपालन विभाग से सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने की कोशिश करेंगे. बता दे की मौके पर गिर्राज मीणा सरपंच रतनपुरा, पुखराज, धनराज,मनराज,बलराम,शम्भूलाल अध्यापक,सांवलराम अध्यापक,शंकर लाल,मन्ना लाल,रामकरण गोठवाल, कजोड़,जयराम हनुमान ध्यावणा, कुन्दन गोठवाल व आसपास के कई ग्रामीण मौजूद थे.