दुनिया अजूबो से भरा हुआ है, और अगर बात भारत की की जाए तो यहाँ तो ना जाने कितने ही अनगिनत अजब रहस्य से भरी हुई है। भारत में कई सारे ऐसे स्थापत्य कला के बेजोड़ नमूने हैं, जिनको देखकर लोगों के सिर घूम जाता है और बस यही सवाल मुंह से निकलता है, ये कैसे पॉसिबल है? इसको किसने बनाया और कैसे बनाया ?
ये मंदिर अपने हैरान कर देने वाले स्थापत्य कला के लिए जाना जाता है
भारत में बहुत सारे ऐसे स्थान है जो अपने हैरतअंगेज आर्किटेक्टर के लिए जाने जाते हैं, इन्हीं में से एक है कर्नाटक राज्य के शहर हम्पी का विट्ठल मंदिर । ये मंदिर अपने हैरान कर देने वाले स्थापत्य कला के लिए जाना जाता है। इस मंदिर में कई सारी ऐसी बातें हैं, जो समझ से परे हैं। इस मंदिर का निर्माण 15वीं शताब्दी में देवराय द्वितीय के शासन के दौरान हुआ था। जो विजयनगर साम्राज्य के शासकों में से एक थे। इस मंदिर को विजया विट्ठल मंदिर भी कहा जाता है। विट्ठल को भगवान विष्णु का अवतार भी कहा जाता है।
मंदिर का हर भाग अपनी भव्यता को बंया करता है
ये मंदिर द्रविड़ वास्तुकला का एक बेहतरी उदाहरण पेश करता है। इस मंदिर को देखने के बाद आपको ऐसा लगेगा कि जैसे ये किसी इंसान के द्वारा बनाया ही नहीं गया है। खुद देवताओं ने आकर इसका निर्माण किया है। मंदिर का हर भाग अपनी भव्यता को बंया करता है। पूरा मंदिर कारीगरों की रचनात्मकता को प्रदर्शित करता नजर आता है। मंदिर पर सुंदर मूर्तियों के साथ ही इसकी दीवारों पर बेहतरीन नक्काशी हुई है, जो इसे सबसे अलग बनाती है। मंदिर में कई मंडप है, जिसमें देवी मंदिर, रंगा मंडप, महा मंडप, उत्सव मंडप, कल्याण मंडप हैं।
यहां बने 56 स्तंभ जो सबको आश्चर्यचकित करते हैं
ये मंदिर एक रथ के डिजाइन पर बना है। पूरे रथ पर अचंभित करने वाली नक्काशी बनी है। इस मंदिर की सबसे अहम खासियत है यहां बने 56 स्तंभ जो सबको आश्चर्यचकित करते हैं। मंदिर में सबसे हैरान कर देने वाले इसके 56 खंभे है, जो रंगा मंडप में है। इस मंडप में ग्रेनाइट से बने 56 स्तम्भ हैं जिससे संगीत निकलता है। जी हां..आप ने सही पढ़ा.. इन स्तंभों से संगीत के सात सुरों निकलते हैं, इसलिए इसे सारेगामा स्तंभ भी कहा जाता है। जब आप इन स्तंभो को अपने हाथों से थपथपाते हैं तो इनसे निकलने वाले स्वर आप सुन सकते हैं। मुख्य स्तंभ का डिजाइन एक वाद्य यंत्र के रूप में है।
एक बड़ा रहस्य बना हुआ है
बाकी स्तंभो से अलग अलग संगीत के स्वर सुनाई देते हैं। इन स्तंभों से संगीत के स्वर क्यों और कैसे निकलते हैं इसके बारें में आज तक कोई पता नहीं कर सका है। ये एक बड़ा रहस्य बना हुआ है। विट्ठल मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, लेकिन ये बात हैरान करने वाली है कि इस मंदिर में भगवान की मूर्ति नहीं है। इसके पीछे कई सारी किवदंतियां मौजूद हैं। हम्पी के विट्ठल मंदिर में भगवान की कोई भी प्रतिमा नहीं है। ये मंदिर बिना भगवान के यानि देवता की मूर्ती ना होने से खाली है।