प्रशासनिक सेवा में जाने का ऐसा जूनून, पांचों बहने ही बनी प्रशासनिक अधिकारी

कहते हैं किसी परिवार में कोई एक व्यक्ति सरकारी नौकरी लगता है तो उसकी तीन पीढ़ी सुधर जाती है. और अगर बात प्रशासनिक सेवा की हो तो कहने ही क्या. लेकिन जब एक ही घर में जन्मी 5 बहनें ही प्रशासनिक अधिकारी बन जाए तो कहने ही क्या. देश के लाखों विद्यार्थियों का सपना होता है की वो यूपीएससी या राज्य की प्रशासनिक सेवाओं में जाकर देश या प्रदेश की सेवा कर सकें. लेकिन ये मौका महज कुछ चुनिंदा लोगों को ही मिल पाता है. लेकिन एक परिवार ऐसा भी है जिस घर की 5 बेटियों ने प्रशासनिक अधिकारी बनकर नाम रोशन किया. शिखर पर पहुंचने के सफल में आज हम बाद करने जा रहे हैं ऐसी ही पांच बहनों की

हनुमानगढ़ के छोटे से गांव भैरुसरी गांव से निकली 5 प्रशासनिक अधिकारी

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के भैरुसरी गांव में एक किसान की 5 बेटियां जिनका सपना था कुछ कर गुजरने का. किसान सहदेव शरण जिनकी पढ़ाई 8वीं से आगे नहीं हो पाई थी. लेकिन सहदेव ने अपनी बेटियों को पूरी शिक्षा देने का प्रण लेते हुए उनको अपने पैरों पर खड़ा करना का फैसला लिया. सहदेव की 5 बेटियां है रोमा. मंजू, अंशु. ऋतु और सुमन जो आज प्रशासनिक सेवा के पदों पर प्रदेश की सेवा कर रही है. 

तीन बहनों ने पहले तो ही क्लियर कर लिया था आरएएस एग्जाम

पढ़ाई में शुरू से ही अंशु, ऋतु और सुमन ने पहले ही आरएएस परीक्षा क्लियर कर ली थी. तीनों ही बहनों की खास बात यह थी की तीनों ही बहने टॉप-100 में जगह बनाई थी. तो वहीं अंशु ने 31वीं रैंंक हासिल की थी. सबसे बड़ी बहन रोमा ने साल 2010 में राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा पास कर ली थी. प्रशासनिक अधिकारी बनने वाली रोमा परिवार की पहली सदस्य बनी थी. तो वहीं मंजू ने साल 2017 में आरएएस परीक्षा क्लियर किया. 

ट्यूशन के नहीं  थे पैसे, बड़ी बहन बनी रोल मॉडल

परिवार की आर्थिक हालात ठीक नहीं होने के चलते पांचों ही बहनों को पढ़ाई के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा. ट्यूशन जैसी कोई सुविधा नहीं थी. ऐसे में घर पर ही नोट्स बनाकर पढ़ाई करनी पड़ी. सबसे बड़ी बहन रोमा ने 2010 में आरएएस परीक्षा पास की तो इससे छोटी बहनों को भी एक प्रेरणा मिली. जिसके बाद चारों ही बहनों ने प्रशासनिक सेवा में जाने का फैसला किया

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